शेरा सवा लाख का तो सुल्ताना 90 हजार में:बकरीद के लिए बकरों का बाजार सजा; इस बार 22% तक दाम में इजाफा

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)  ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार 29 जून को मनाया जाएगा। जिसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। बकरों का बाजार सज गया है। खरीदार भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। ईद में कम समय होने के चलते बकरों की खरीदारी में भी तेजी आ गई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार बकरों की कीमतों में तकरीबन 22 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। अयोध्या बकरा मंडी में बाजार में शेरा और सुल्ताना बकरों की चर्चा दूर-दूर तक है। यहां शेरा सवा लाख का तो सुल्ताना 90 हजार का है। हालांकि अभी दोनों को खरीदार नहीं मिले हैं

ईद-उल-अजहा यानी बकरीद में तीन दिन शेष रहते इन दिनों बकरा बाजार में लोगों की खासी रौनक देखी जा रही है। बकरा ईद को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। बकरा मंडी में अलवरी, तोतापरी, बर्रा, बरबरी नस्ल समेत देसी बकरे बेचे जा रहे हैं। इसके अलावा दुम्मा, भेड़ और बछड़ा भी बाजार में उपलब्ध हैं। लोग रोजाना बकरे खरीदने पहुंच रहे हैं और अपनी हैसियत के मुताबिक छोटे-बड़े हर साइज के बकरे खरीद रहे हैं। वहीं, शहर के मुख्य बाजारों में सेवई के अलावा कपड़ों की दुकानों पर खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ रही है। भीड़ से बाजार गुलजार हो गए हैं।

नौ हजार रुपए से शुरुआत
पिछले साल के मुकाबले इस बार बकरों की कीमत बढ़ गई है। जो बकरा पहले 15 से 25 हजार में था, उसकी कीमत बढ़कर 20 से 30 हजार तक हो गई। बाजार में 60 से लेकर 80 हजार और उससे ज्यादा एक से डेढ़ लाख रुपये तक का बकरा बिक रहा है। इस बार 22 फीसदी तक बकरे महंगे हुए हैं। पिछले साल भी इनकी कीमतों में 30-40 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी गई थी। जो लोग बकरा नहीं खरीद सकते वो भैंस की कुर्बानी में अपना हिस्सा डाल रहे हैं। बकरा मंडी में 9 हजार से 12, 16 और 18 हजार तक के बकरे हैं।

बाराबंकी नगर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले उस्मान अली अपने शेरा को लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि शेरा का वजन 30 किलो से अधिक है और उसे एक साल से पाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल इसकी कीमत सवा लाख रुपये निर्धारित की है लेकिन अभी कोई खरीदार नहीं मिला है। करीब पांच फुट का शेरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वहीं नौगढ़ा के आफाक अहमद ने अपने पाले गए बकरे का नाम सुल्ताना रखा है। उन्होंने बताया कि नब्बे हजार कीमत है और वजन 18 किलो से ऊपर है। उन्होंने बताया कि कुबार्नी के लिए बकरे को एक साल से तैयार किए हैं। फिलहाल उन्हें भी अभी तक खरीदार नहीं मिला है। मंडी में जोड़ी के बकरों की धूम है। यहां जोड़ी के आठ बकरे बिकने आए थे जिनमें से दोपहर तक पांच बिक गए। जोड़ी के बकरों की कीमत 25 से 30 हजार रुपये है। इसके अलावा यहां लोगों ने बताया कि मंगलवार से बिक्री में तेजी आयेगी।

सच्चाई की राह पर चलने का संदेश देता है पर्व

बकरा ईद लोगों को सच्चाई की राह में अपना सबकुछ कुर्बान कर देने का संदेश देता है। ईद-उल-अजहा हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। हजरत इब्राहिम वफादारी दिखाने के लिए बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। जब वह बेटे को कुर्बान करने के लिए बढ़े तो खुदा ने उनकी निष्ठा को देखते हुए इस्माइल की कुर्बानी को दुंबे की कुर्बानी में बदल दिया।