दुनिया की सबसे बड़ी साइबर क्राइम वेबसाइट सीज:FBI समेत 17 देशों की खुफिया एजेंसियों ने ऑपरेशन चलाया

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(www.arya-tv.com) इंटरनेशनल लॉ एनफोर्समेंट एजेंसीज ने दुनिया की सबसे बड़ी साइबर क्राइम वेबसाइट और साइबर अपराधियों के बीच पॉपुलर मार्केटप्लेस- जेनिसिस मार्केट को सीज कर दिया है। ‘ऑपरेशन कुकी मॉन्स्टर’ के तहत ये कदम उठाया गया है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 देशों की लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी इस ऑपरेशन में शामिल थीं।

जेनेसिस मार्केट में लोगों के लॉगिन डिटेल्स, IP एड्रेस और डिजिटल फिंगरप्रिंट बनाने वाला अन्य डेटा बेचा जाता था। साइबर अपराधी यहां एक डॉलर से कम कीमत में लोगों की पर्सनल डिटेल्स खरीदते थे और फ्रॉड करते थे। इन डिटेल्स के जरिए आसानी से बैंकिंग और शॉपिंग अकाउंट्स हैक कर लिए जाते थे।

FBI ने लीड किया ऑपरेशन
‘ऑपरेशन कुकी मॉन्स्टर’ अमेरिकी खुफिया एजेंसी- फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (FBI) ने लीड किया। ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA), डच नेशनल पुलिस, ऑस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस और अन्य यूरोपीय देशों की पुलिस इसमें शामिल रहीं। BBC के मुताबिक, जेनेसिस मार्केट में बिक्री के लिए 2 मिलियन लोगों के 80 मिलियन क्रेडेंशियल्स और डिजिटल फिंगरप्रिंट थे।

जेनेसिस मार्केट की साइट पर लगे एक बैनर में कहा गया कि संगठन से संबंधित डोमेन को FBI ने सीज कर दिया है। साइट पर यूरोपीय, कैनेडियन, ऑस्ट्रेलियन पुलिस और साइबर सिक्योरिटी फर्म Qintel के लोगो भी दिखे। हालांकि, इस मामले में FBI और सिक्योरिटी फर्म Qintel ने कोई भी जवाब नहीं दिया है।

120 लोगों को गिरफ्तार किया
‘ऑपरेशन कुकी मॉन्स्टर’ के तहत दुनियाभर में 200 जगहों पर तलाशी अभियान चलाए गए। इस दौरान 120 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया जो जेनेसिस मार्केट से लोगों की पर्सनल डिटेल्स खरीदते थे। ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने बताया कि उसने 24 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया।

2017 में बना था जेनिसिस मार्केट
जेनिसिस मार्केट को 2017 में बनाया गया था। आसान शब्दों में कहें तो ये एक आम वेबसाइट की तरह ही होती है। इसे डार्क वेब के साथ ओपन वेब में भी ऑपरेट किया जाता है। यूजर यहां अंग्रेजी भाषा में इंटरेक्ट कर सकता है।

यहां पैसे देकर आसानी से दूसरे लोगों के अमेजॉन, फेसबुक, पे-पाल, नेटफ्लिक्स, ईबे, उबर के पासवर्ड खरीदे जा सकते हैं। अगर लोग पासवर्ड बदल भी देते थे, तो इसकी जानकारी भी जेनिसिस मार्केट में रहती थी। यहां लोगों की लोकेशन से जुड़ी जानकारी भी बेची जाती थीं।

जेनेसिस के जरिए रैंसमवेयर अटैक करते थे साइबर अपराधी
NCA के नेशनल इकोनॉमिक क्राइम सेंटर के डायरेक्टर जेनरल रॉबर्ट जोन्स ने कहा- इसे यूज करने के लिए आपको शातिर साइबर क्रिमिनल होने की जरूरत नहीं थी, अगर आपको सर्च इंजन इस्तेमाल करते आता है तो आप आसानी से क्राइम कर सकते थे। इसमें स्टेप-बाय-स्टेप चीजें समझाई जाती थीं।जेनेसिस मार्केट का इस्तेमाल ज्यादातर फ्रॉड के लिए किया जाता था। कुछ साइबर अपराधी रैंसमवेयर अटैक के लिए भी इसका इस्तेमाल करते थे। आसान शब्दों में कहें तो साइबर अपराधी यहां से दूसरे लोगों का पर्सनल डेटा खरीदते थे और इसके एक्सेस को ब्लॉक कर देते थे। बाद में इस डेटा के एक्सस को अनब्लॉक करने के लिए पैसों की मांग करते थे।