जीवा हत्याकांड में नेपाली मोबाइल और सिम का यूज:लखनऊ में शूटर ने साथी को किया था वॉट्सऐप कॉल

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड के शूटर विजय यादव ने वारदात में नेपाली सिम का इस्तेमाल किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नेपाल के माफिया असलम ने उसे मई में काठमांडू में मोबाइल और एक्टिव सिम दिया था। इस मोबाइल में यूपी के 2 सिम भी एक्टिव हुए थे। पुलिस टीम कॉल डिटेल की पड़ताल कर रही है।

विजय ने नेपाल के सिम से ही इंटरनेट का प्रयोग किया था। जिससे केवल वॉट्सऐप कॉल की गई। इसी सिम से उसने लखनऊ में अपने साथी से संपर्क किया था। पुलिस को मोबाइल की IMEI नम्बर के आधार पर ही ये जानकारी मिली है।

पुलिस कस्टडी रिमांड पर 14 जून को सुनवाई
पुलिस ने हत्यारोपी विजय की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी कोर्ट में दी। प्रभारी सीजेएम साक्षी गर्ग ने अर्ज़ी पर सुनवाई के लिए 14 जून की तारीख तय की और आरोपी को जेल से तलब किया। विवेचक मनोज मिश्रा ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर बताया कि जीवा हत्याकांड के लिए आरोपी की रिमांड जरूरी है।

उससे घटना से जुड़े तथ्यों पर पूछताछ करनी हैं। ताकि लखनऊ और नेपाल में उससे जुड़े लोगों की जानकारी सामने आ सके। उसको घटना के लिए रिवाल्वर मुहैया कराने वालों से लेकर इस दौरान मदद करने वालों के विषय में जानकारी जुटाई जा सके।

इससे पहले हत्यारोपी विजय यादव के बयान का वीडियो सामने आया था। इसमें उसने जीवा की मौत के लिए काठमांडू (नेपाल) के माफिया असलम उर्फ अशरफ को जिम्मेदार ठहराया। विजय ने पुलिस को बताया कि अशरफ के कहने पर ही उसने जीवा की हत्या की थी।

अशरफ ने जेल में भाई की दाढ़ी नोचने पर कराई थी हत्या
उसने बताया कि लखनऊ जेल में बंद अशरफ का भाई अतीफ ​​​​​​का जीवा से विवाद हो गया था। इस दौरान जीवा ने उसकी दाढ़ी नोच ली थी। कई बार उसकी बेइज्जती की। यह बात अशरफ को पता चली थी तो उसने जीवा की हत्या का प्लान बनाया। वह काठमांडू गया था।

वहीं पर उसकी मुलाकात अशरफ से हुई थी। अशरफ ने जीवा की फोटो दिखाकर उसकी हत्या के लिए 20 लाख रुपए की सुपारी दी थी। विजय की इस कहानी में माफिया अतीक अहमद का नाम भी आया है। उसने अशरफ को माफिया अतीक का दोस्त बताया है।

घटना की जांच के लिए SIT गठित
CM योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) बनाई है। 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है। SIT में ADG टेक्निकल मोहित अग्रवाल, नीलब्जा चौधरी और अयोध्या आईजी प्रवीण कुमार को शामिल किया गया है। वहीं, स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने कचहरी पहुंचकर मामले की जानकारी ली है। इससे पहले, 15 अप्रैल को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या हुई थी। यानी, 53 दिन में पुलिस कस्टडी में यह तीसरी हत्या है।