पाकिस्‍तान के इतिहास में पहली बार, आटे और दूध से महंगी हुई चीनी, कीमत 200 रुपये के पार

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(www.arya-tv.com) पाकिस्‍तान में शहबाज शरीफ के सत्‍ता हटने के बाद सेना ने केयर टेकर सरकार के जरिए पर्दे के पीछे सत्‍ता संभाल ली है। पाकिस्‍तान की केयर टेकर सरकार के राज में महंगाई के हर दिन रेकॉर्ड टूट रहे हैं। बिजली के दाम 64 रुपये प्रति यूनिट होने के बाद अब चीनी की कीमत ने गरीब पाकिस्‍तानियों की कमर तोड़कर रख दी है। पाकिस्‍तान के इतिहास में पहली बार चीनी की कीमत दूध और आटे से भी ज्‍यादा हो गई है।

देश में चीनी 190 से लेकर 205 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। वहीं आटे की कीमत भी 170 से 180 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। वहीं एक लीटर दूध की कीमत 165 रुपये से लेकर 200 रुपये तक पहुंच गई है।पाकिस्‍तानी अखबार द न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान में आटे की कीमत भी 170 से 180 तक पहुंच रही है। वहीं ताजा दूध 165 से लेकर 200 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है।

पाकिस्‍तान में रेकॉर्ड तोड़ महंगाई के बाद अब शहबाज शरीफ के गठबंधन सहयोगियों में आरोप और प्रत्‍यारोप का दौर शुरू हो गया है। शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन और बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी के बीच जुबानी जंग चल रही है। शरीफ की पार्टी के नेता अहसान इकबाल ने कहा कि अगर देश में चीनी की कीमतें कम नहीं होती हैं तो इसके बारे में भुट्टो की पार्टी पीपीपी के नेता नवीद कमर से सवाल किया जाना चाहिए।

शहबाज और बिलावल की पार्टी में जुबानी जंग

इकबाल ने कहा कि कमर ने संकट के बाद भी देश से चीनी के निर्यात को मंजूरी दी। इकबाल ने चेतावनी दी कि अगर चीनी के दाम की समस्‍या से गंभीरता से नहीं निपटा गया तो केयर टेकर सरकार के लिए यह बडी मुसीबत बन सकता है। उन्‍होंने कहा कि अगर चीनी के निर्यात को मंजूरी नहीं दी गई होती तो यह स्थिति नहीं आती। वहीं इकबाल के सवाल पर भुट्टो की पार्टी ने जवाबी हमला बोला है।

उन्‍होंने कहा कि शहबाज शरीफ सरकार के दौरान प्रत्‍येक फैसले के लिए पीएमएल एन जिम्‍मेदार है। वहीं इकबाल भी चुप नहीं रहे और उन्‍होंने कहा कि सभी राष्‍ट्रीय फैसलों के लिए बिलावल की पार्टी भी उतना ही जिम्‍मेदार है, जितना वे हैं। इस बीच पूरे पाकिस्‍तान में महंगाई से हाहाकार है। पेट्रोल, बिजली, चीनी, आटा, दूध रोजमर्रा के इस्‍तेमाल की सभी चीजों के दाम रेकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गए हैं।

कई पाकिस्‍तानी तो यहां तक कह रहे हैं कि पाकिस्‍तान से ज्‍यादा सस्‍ता सामान अफगानिस्‍तान में मिल रहा है जहां तालिबानी आतंकियों का शासन है। दरअसल, पाकिस्‍तान ने आईएमएफ से लोन लिया और उसकी शर्तो को लागू करने के चक्‍कर में जनता पर भारी बोझ डालना पड रहा है।