ट्रम्प के कहने पर गलत जांच:पाकिस्तानी मूल के पांच लोगों को 6 करोड़ रुपए का हर्जाना

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(www.arya-tv.com)अमेरिकी संसद ने इस वर्ष चुपचाप पाकिस्तानी मूल के पांच टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों को गलत आरोप में फंसाने के लिए हर्जाने के बतौर छह करोड़ 28 लाख रूपए दिए हैं। विशेषज्ञों ने अमेरिकी प्रतिनिधि सदन के सामने दावा पेश किया था। यह हर्जाना भेदभाव या प्रताड़ना के मामले निपटाने के लिए संसद द्वारा किया गया सबसे बड़ा भुगतान है। संसद को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए मामले को हर्जाना देकर सुलझाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है, मुसलमान और दक्षिण एशियाई मूल का होने के कारण उन्हें प्रताड़ित किया गया था।

पाकिस्तानी मूल के इमरान अवान, उनके परिवार के तीन सदस्यों और एक मित्र के खिलाफ गड़बड़ी के लिए संसद की सामान्य जांच के रूप में मामला शुरू हुआ था। ये लोग कांग्रेस के सदस्यों को टेक्नोलॉजी सेवाएं मुहैया कराते थे। इनके खिलाफ सरकारी सूचनाओं की हैकिंग का आरोप था। 2018 में ट्रम्प ने हेलसिंकी में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ एक पत्रकार वार्ता में कहा था, संभव है कि 2016 के चुनाव अभियान में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं की ई मेल चुराने के लिए एक पाकिस्तानी जिम्मेदार है। इसके बाद भी ट्रम्प सोशल मीडिया पर रहस्यमय पाकिस्तानी का जिक्र करते रहे। कांग्रेस का निर्णय आने के बाद डेमोक्रेट सांसद टेड ड्यूच ने कहा, राष्ट्रपति ट्रम्प, उनकी रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं और इनका समर्थन करने वाले दक्षिणपंथी मीडिया ने मनगढ़ंत आरोपों पर एक इमीग्रांट मुस्लिम-अमेरिकी परिवार की जिंदगी को तबाह करने का प्रयास किया। इनके नाम टीवी पर उछाले गए। स्कूल में उनके बच्चों को प्रताड़ित किया गया। मीडिया में उनके पाकिस्तानी जासूस होने की अटकलें लगाई गईं।

2016 में प्रतिनिधि सदन के अधिकारियों ने इन दावों की जांंच शुरू की कि टेक विशेषज्ञों उपकरणों की खरीदी गलत तरीके से की है। ये विशेषज्ञ कई डेमोक्रेटिक सांसदों के दफ्तर में पार्ट टाइम काम कर रहे थे। उस समय सदन में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत था। 2017 में सदन ने सर्वरों तक उनकी पहुंच बंद कर दी। इसके बाद सांसदों ने उनकी सेवाएं खत्म कर दी थी। 2018 में जस्टिस विभाग ने अवान को दोषमुक्त घोषित कर दिया। विभाग ने कहा कि उसे अवान के खिलाफ डेटा चुराने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। 2019 में अवान के वकीलों ने सदन की समिति के सामने मामला उठाया। इस समय तक सदन मेेंं डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत में आ गई थी। सदन ने अवान के दावे को स्वीकार कर हर्जाना देने का आदेश दिया।