पिंजरे में कैद कर बेचे जा रहे विदेशी पक्षी:सारस पालने पर आरिफ पर FIR

# ## UP

(www.arya-tv.com) यह उत्तर प्रदेश है, यहां तमाम पक्षी घरों में कैद मिलेंगे। लेकिन इन पक्षियों को कैद करने और बेचने के नाम पर यहां वन विभाग के दावे सिर्फ ऑफिसों में सिमट जाते हैं। अमेठी जिले में वन विभाग सारस को आरिफ के घर से मुक्त कराता है, जिसके बाद सारस पालने पर वन विभाग आरिफ पर FIR तक दर्ज कराता है।

मामला राजनीति में इसलिए भी छाया हुआ है क्योंकि सपा मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव सारस को देखने आरिफ के घर पहुंचे। जिसके बाद सारस और आरिफ की दोस्ती को अलग कर दिया गया। लेकिन जिन पक्षियों को पालना प्रतिबंधित है, उन्हें  कैद कर बरेली में बेचा जा रहा है।

जानिए कौन कौन पक्षी नहीं पाल सकते

पशु पक्षियों पर अत्याचार रोकने के लिए वन जीवन कानून बना हुआ है। भारत सरकार ने साल 1972 में वन्य जीव अधिनियम पारित किया। इसका मकसद था कि वन्य जीवों का व्यापार, तस्करी, मांस पर रोक लगाई जा सके। जो प्रतिबंधित पशु पक्षियों को कैद करता है, या पालता है उन पर इसके उलंघन में वन विभाग कार्रवाई कर सके।

2002 में इस कानून में फिर से संशोधन किय गया। जिसका नया नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 2002 रख दिया गया। इसमें दंड और जुर्माना राशि बढ़ा दी गई। वन्य जीव अधिनियम 1972 66 धाराएं और 6 अनूसूचियां हैं।

हमारे देश में कुत्ता, बिल्ली, भेड़, भैंस, गाय, घोड़ा, मुर्गा, खरगोस और छोटी मछली पाल सकते हैं। वहीं तोता, बत्तख, मोद, बंदर, उल्लू, तीतर, बाज, ऊंट, बंदर, हिरन, सारस, हाथी, सफेद चूहा, सांप, कछुआ और मगरमच्छ नहीं पाल सकते। कानून के मुताबिक इन पशु पक्षियों को पालने पर वन्य जीव अधिनियम उलंघन के तहत कार्रवाई बनती है।

दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने ग्राहक बनकर जाने रेट

यूपी के बरेली शहर में कोतवाली से कुतुबखाना की तरफ जाने वाले रोड पर पिंजरे में कैद कर पक्षियों को बेचा जा रहा है। यहां ग्राहक जिनमें महिलाएं ओर बच्चे शामिल हैं वह भी पक्षी खरीदते नजर आए। यह शहर का पुराना इलाका है, यहां सड़क किनारे 12 लोग पक्षी बेचते नजर आए।

सभी पक्षी और छोटे जानवर पिंजरे में कैद थे। यहां फोटो खींचने या वीडियो बनाने पर यह लोग मनाही करती है, यानी साफ है कि कोई प्रशासन, पुलिस या वन विभाग को न बता दे। संदेह होने पर पूछ लेते हैं कि मीडिया से तो नहीं है।

हमारे सूत्र ने  चोरी छिपे ने इन अलग अलग पक्षियों के पिंजरे में कैद के फोटो क्लिक किए ओर वीडियो बनाए। बाद में ग्राहक बनकर इन पक्षियों का रेट जाना। रिपोर्टर ने यहां दो घंटे में अलग अलग पक्षियों के बारे में जानकारी की तो बेचने वालों को संदेह हुआ कि ऐसे तो कोई मीडिया का आदमी सवाल जवाब करता है।

हाथ में रुपये देखकर ही बोरे से निकाले तोते

48 साल की महिला यहां सफेद चिड़िया, विदेशी चूहे, खरगोस बेच रही थी। महिला से पूछा गया कि मुझे तोता चाहिए, महिला ने कहा कि तोता, वह तो नहीं बेचते। उसे बेचेंगे तो हम पर केस हो जाएगा। रिपोर्टर ने कहा कि मुझे ताेता ही चाहिए। महिला कुछ चुप रही, उसके बाद कहा कि तोता 400 रुपये का मिलेगा, इससे दस या बीस रुपये ही कम होंगे।