ओमिक्रॉन के डर से लखनऊ में 10 बड़ी पाबंदी, सरकार ने फिर दोहरा चरित्र दिखाया

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(www.arya-tv.com) ओमिक्रॉन के बाद कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच राज्य सरकार का दोहरा रवैया सामने आया है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की राजनीतिक रैलियों में लाखों लोग जुट रहे हैं। दूसरी ओर लखनऊ में मंदिरों में 50 से ज्यादा लोगों के जुटने पर प्नतिबंध लगा दिया गया है। अगर वाकई में सरकार ओमिक्रॉन को लेकर अलर्ट है तो फिर नेताओं की रैलियों में भीड़ क्यों जुट रही है? क्या राजनीतिक रैलियों में बूस्टर डोज दिया जा रहा है।

लखनऊ में मंगलवार से धारा-144 लागू कर दी गई है, जोकि 5 जनवरी तक रहेगी। इस आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कोरोना-कर्फ्यू के दौरान जारी गाइडलाइन का भी पालन कराया जाएगा, यानी जो पाबंंदियां कोरोना कर्फ्यू के दौरान थी, लगभग वही पाबंंदियां लखनऊ में फिर से होगी।

लखनऊ में धारा-144 में ये हैं पाबंदियां

विधानसभा के आसपास किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध।

कोरोना की सभी गाइडलाइन का कड़ाई से कराया जाएगा पालन।

रेस्टोरेंट, होटल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, जिम, स्टेडियम 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे।

अब घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

बंद जगहों पर होने वाले आयोजनों में 100 से ज्यादा व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे।

खुले स्थानों में क्षेत्रफल के अनुसार होंगे आयोजन, लेकिन प्रवेश द्वार पर कोविड हेल्प डेस्क बनाना अनिवार्य होगा।

धर्म स्थलों में 50 से अधिक श्रद्धालुओं के एक बार में इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा।

सरकारी भवनों के आसपास ड्रोन कैमरे से शूटिंग प्रतिबंध रहेगा।

रात 10:00 बजे के बाद डीजे लाउडस्पीकर पर पूरी तरीके से प्रतिबंध होगा।

छतों पर ईंट-पत्थर और ज्वलनशील पदार्थ रखना पूरी तरीके से प्रतिबंध होगा।

सोशल मीडिया पर ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी होगी कि कोई भी शख्स भड़काऊ पोस्ट न करे।