मथुरा में गहराई बाढ़ की आशंका, यमुना के बढ़ते जल स्तर ने अनेक गावों को चारों ओर से घेरा

Agra Zone UP

(www.arya-tv.com) मथुरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे बाढ़ की आशंका और गहरा गई है। यदि 24 घंटे में जलस्तर कम नहीं होता है तो तटीय किनारों के सैकड़ों गांव पानी से घिर जाएंगे। ऐसे में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। शनिवार को जलस्तर खतरे के निशान 166 को पार कर 166.04 मीटर पर पहुंच गया। यमुना के बढ़ते जल स्तर ने अनेक गावों को चारों ओर से घेर लिया है। मथुरा के घाटों पर बैरीकेडिंग एवं टिन लगाने के साथ ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यमुना में नावों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। खादर की कॉलोनियों में बने घरों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। डीएम, नगरायुक्त और महापौर ने घाटों और यमुना खादर में बनीं कॉलोनियों में जाकर जायजा लिया और आवश्यक प्रबंध कराए।

जिला प्रशासन की ओर से जनपद वासियों के लिए अगले 48 घंटे संवेदनशील बताए जा रहे हैं। इससे पहले जिला प्रशासन ने यह अवधि 24 घंटे बताई थी, लेकिन बीती रात्रि दिल्ली में हुई तेज बारिश के बाद प्रशासन ने अपने आंकडों में तब्दीली करते हुए लोगों से 48 घंटे तक यमुना नदी के समीप आने-जाने की मनाही की है। जिले में यमुना का जल स्तर लगातार 4 दिन से बढ़ रहा है। जिसके चलते आज दोपहर 3 बजे तक प्रयाग घाट का जल स्तर खतरे के निशान 166 सेमी से 0.78 सेमी बढ़कर 166.78 पर पहुंच गया है, जिससे नदी के किनारे स्थित 116 गांव में से 8 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। साथ ही शहर के भी कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इसमें गऊघाट और जयसिंहपुरा विरला मंदिर आदि क्षेत्र शामिल हैं। बाढ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकांश गांव वृन्दावन के बताए जा रहे हैं। इसके अलावा दोपहर के बाद बाढ़ का पानी महावन के रमणरेती स्थित गुरुशरणानंद के आश्रम में भी प्रवेश कर गया है।

जिलाधिकारी बाढ़ प्रभावितों की मदद के साथ ही बाढ़ के बाद उत्पन्न मच्छरजनित बीमारियों सहित विभिन्न समस्याओं के दृष्टिगत अधिकारियों की टीम लगाई है। जिलाधिकारी पुलकित खरे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रहे हैं। डीएम ने वृन्दावन में केसी घाट को निरीक्षण करने के पश्चात हजारीमल सोमानी इंटर कॉलेज और नगर निगम के बालिका इंटर कॉलेज में बाढ़ प्रभावितों को ठहराने के लिए बनाए गए शरणालयों का निरीक्षण किया। शरणालयों में रह रहे लोगों के साथ डीएम जमीन और चारपाई पर बैठकर उनके लिए सदर तहसील और नगर निगम की ओर से की जा रही खाने-पीने की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

डीएम ने बताया कि जनपद के 8 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। उक्त गांव के लगभग 400 गांववासी और उनके पशुओं के लिए समीपवर्ती शिक्षण संस्थानों में शरण दी गई है। शरणालयों पर व्यवस्था को डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो यहां लोगों के साथ ही उनके मवेशियों के लिए भी खाने-पीने और चिकित्सा आदि की व्यवस्था मुहैया करा रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए जिला और तहसील स्तर पर टीमें गठित कर लोगों को राहत प्रदान की जा रही है, जो संबंधित क्षेत्र में मच्छरजनित दवाएं छिडकाव सहित विभिन्न व्यवस्थाओं को अंजाम दे रहे है।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने आम जन से अपील करते हुए कहा है कि अगले 48 घंटों तक यमुना के समीप न जाएं। यदि आपका कोई परिचित बाढ़ में फंस गया है तो इसकी जानकारी बाढ़ चौकियों पर दें। वहीं, जयसिंपुरा क्षेत्र से दोपहर में खबर आई की क्षेत्र में कुछ लोगों को बाढ़ के पानी में तैरता देख स्थानीय लोगों द्वारा बाढ़ चौकी पर सूचना दिए जाने के बाद पहुंचे स्टीमर ने लोगों को शरणालयों में पहुंचाया है। प्रशासन के साथ ही जन प्रतिनिधियों और समाजसेवी लोगों ने भी बाढ़ प्रभावितों को अपने स्तर से राहत देने का कार्य शुरू कर दिया है।

पिछले छह दिनों से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शनिवार शाम ताजेवाला से 41955 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि ओखला से यह जलराशि 292911 क्यूसेक रही। मथुरा के प्रयागघाट पर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 166.04 मीटर पर पहुंच गया। तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गोकुल बैराज के सभी 21 गेटों से 99119 क्सूसेक पानी आगरा की ओर छोड़ा गया है। विश्राम घाट का आरती स्थल जलमग्न हो गया है।