बच्ची को स्कूल में बंद करके चले गए टीचर:पिता को बेहोशी की हालत में मिली

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(www.arya-tv.com)  फरीदपुर के ग्राम निबड़िया के कंपोजिट स्कूल में पांच साल की बच्ची को स्कूल में बंद कर स्टाफ के घर चले जाने का मामला सामने आया है। बच्ची छुट्टी के बाद बंद स्कूल में रोती-बिलखती रही। परेशान अभिभावक उसे गांव में इधर-उधर खोजते रहे। शिक्षकों से पूछा लेकिन उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। इस पर अभिभावक ने खुद स्कूल जाकर देखा तो बच्ची बेहोशी की हालत में मिल गई।

गांव के संजीव मिश्रा मेहनत मजदूरी करते हैं। उनकी दो संतानें हैं। जिनमें से सात साल का लड़का वंश कक्षा एक और पांच साल की बच्ची निहारिका आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने जाती है। गांव में कंपोजिट स्कूल है। इसलिए प्राइमरी, जूनियर और आंगनबाड़ी केंद्र एक ही परिसर में संचालित होते हैं।

घर से 500 मीटर दूर है स्कूल

घर से स्कूल की दूरी करीब 500 मीटर होगी। रोज की तरह वंश और निहारिका भी स्कूल गए थे। सुबह संजीव दोनों को छोड़ने गए थे। दोपहर करीब एक बजे स्कूल की छुट्टी हुई। इसके बाद वंश घर आ गया लेकिन निहारिका नहीं पहुंची। करीब डेढ़ बजे तक भी जब निहारिका घर नहीं पहुंची तो उसकी दादी फूलमती को चिंता होने लगी। वह तुरंत कंपोजिट स्कूल पहुंची।

स्टॉफ ने अपनाया गैरजिम्मेदाराना रवैया

उस वक्त स्कूल को स्टाफ ताला डालकर निकल रहा था। इस पर शिक्षकों ने किसी बच्चे के स्कूल में न होने की जानकारी दी। कहा कि गांव में ही कहीं होगी, अभी घर पहुंच जाएगी। इस पर दादी घर आ गई और बेटे संजीव को पूरी बात बताई। घबराया संजीव पूरे गांव में निहारिका को ढूंढ़ आया। उसके साथ के बच्चों से भी जानकारी नहीं मिली।

पिता कूदकर स्कूल के अंदर पहुंचा

ऐसे में वह फिर स्कूल पहुंचा तो चहारदीवारी कूदकर अंदर पहुंचा तो देखा कि निहारिका जमीन पर बेहोश पड़ी थी। उसे लेकर वह तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचा। हालांकि, उसकी हालत अब एकदम ठीक है। गर्मी और भूख की वजह से बच्ची बेहोश हो गई थी।

हेडमास्टर से मांगा गया स्पष्टीकरण

पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी शशांक शेखर मिश्रा ने हेडमास्टर निर्मला देवी से स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर यह लापरवाही कैसे हुई। हालांकि, मामला आंगनबाड़ी केंद्र का है। पूरे मामले से बीएसए को भी अवगत करा दिया गया है।

स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग

निहारिका वंश के साथ ही स्कूल से घर आती थी। वंश निहारिका को लेने जाता था, लेकिन शुक्रवार को वंश जल्दी में घर चला आया। संजीव के मुताबिक, निहारिका या तो सो गई होगी या वंश को खोजते-खोजते उसकी क्लास की तरफ गई होगी। बच्चों का स्कूल प्रबंधन को ध्यान रखना चाहिए। लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई होनी चाहिए।