SIT ने शुआट्स में छापा मारा:VC समेत 6 भगोड़ा घोषित करने की तैयारी

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(www.arya-tv.com) धर्मांतरण के मुकदमे में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने शुआट्स में छापा मारा। टीम गैर जमानती वारंट तामील कराने प्रयागराज पहुंची है। वारंट और भगोड़ा घोषित करने का नोटिस विश्वविद्यालय में चस्पा कर पुलिस वापस लौट गई है। मौके पर कोई भी आरोपी नहीं मिला। सभी फरार चल रहे हैं। फिलहाल SIT कुलपति आरबी लाल समेत 6 अन्य आरोपियों पर जल्द ही इनाम भी घोषित करेगी।

अब आइये समझते हैं क्या है पूरा मामला?

फतेहपुर के ​​​हरिहरगंज स्थित ईसीआई चर्च में 14 अप्रैल 2022 को सामूहिक धर्मांतरण कराया जा रहा था। स्थानीय लोगों की शिकायत पर पादरी समेत 55 लोगों के खिलाफ धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज किया था। जब फतेहपुर पुलिस ने इस प्रकरण की जांच शुरू की तो धर्मांतरण के तार प्रयागराज शुआट्स से जुड़े। जांच में पता चला कि शुआट्स द्वारा चर्च को बड़ी मात्रा में फंडिंग की गई है। इसके बाद पुलिस ने शुआट्स और यीशु दरबार ट्रस्ट के चांसलर जेटी ऑलिवर, प्रशासनिक डायरेक्टर विनोद बी लाल, वाइस चांसलर आरबी लाल विशप, बाईबल चर्च के मिस्टर सेरेमनी पाल, मिशन हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. सैम्यू मैथ्युल, मिशन हॉस्पिटल के अकाउंटेंट परमिंदर सिंह के खिलाफ भी मुकदमा फाइल किया । इनके नाम भी केस में जोड़े गए। वहीं वीसी समेत अन्य के खिलाफ एक और वित्तीय अनियमितता का केस चल रहा है। उसकी अलग जांच चल रही है। इस मामले में भी करोड़ों का अवैध तरीके से नियमों को ताक पर रखकर भुगतान किया गया है।

अब समझते हैं अनियमितता कहां हुई?

  • एक और प्रकरण में प्रयागराज नैनी स्थित शुआट्स में 69 शिक्षकों की अवैध नियुक्ति कर दी गई है। जांच में सामने आया है कि चहेतों को नियुक्ति देने के लिए नियुक्ति तिथि से पहले ही चयनितों को कार्यभार ग्रहण करा दिया गया।
  • कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की ओर से कराई गई जांच में 69 शिक्षकों की अवैध नियुक्ति के मामले का खुलासा हुआ है।
  • नियुक्ति आदेश बैक डेट में जारी हुआ, जबकि कार्यभार उससे पहले ही ग्रहण करा लिया गया।
  • कुछ चयनित ऐसे रहे जिन्हें नियुक्ति से पहले की तिथि से वेतन भुगतान किया गया।
  • जांच में यह भी सामने आया कि ग्रांट इन एड यानी जिन पदों पर वेतन भुगतान शासन से प्राप्त अनुदान से होता है से संबंधित पदों पर चयन के लिए गलत व्याख्या कर नियमों का दुरुपयोग किया।
  • इन पदों पर सीधे विज्ञापन निकालकर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार चयन किया जाना था, लेकिन शुआट्स प्रबंधन ने संस्थान में पूर्व से ही कार्यरत शिक्षकों को प्रतिस्थापन के आधार पर इन पदों पर नियुक्त कर लिया।
  • यीशू दरबार के ट्रस्टी आरबी लाल के इशारे पर हरिहरगंज स्थित इवेजलिकल चर्च आफ इंडिया (ईसीआई) और देवीगंज इंडियन विटीरियन चर्च में धमांतरण कराया जाता था।
  • दूसरी प्राथमिकी वित्तीय व्यवस्थाओं में अनियमितता को लेकर दर्ज कराई गई है।
  • स्थानीय निधि लेखा परीक्षा के निदेशक की जांच में पाया गया कि शुआट्स के कुलपति और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रसार योजना, आयोजन और प्रशिक्षण में बिना अनुदान सत्यापन के 32 लाख रुपये का भुगतान किया।
  • वेतन भत्ता, यात्रा व्यय, वेतन निर्धारण, वेतन वृद्धि आदि मद में 69 लाख रुपये का अधिक भुगतान किया गया।
  • चालक, अनुसेवक, लेखाकार और निविदा के विपरीत फर्मों को 1.70 करोड़ रुपये से अधिक का सीधे भुगतान किया गया।
  • अवैध नियुक्ति के आधार पर वेतन भत्ते के मद में 2.68 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।
  • इसी प्रकार, शासन से विभिन्न मदों में दिए गए अनुदान की धनराशि 5.56 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान किया गया।