- प्रेरणा संस्था की ओर से चैत्र-नवरात्रि को 2100 कन्याओं का भव्य पूजन एवं वंदन कार्यक्रम का आयोजन
- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा और सुरक्षा समाज और सरकार का प्रथम कर्तव्य
- 200 से अधिक महिलाओं ने कार्यक्रम की शुरुआत में कन्याओं के चरण धोये एवं तिलक लगाया
- सेवा बस्तियों में रहने वाले बच्चों द्वारा बनाये गए सामान देखकर राज्यपाल एवं अतिथिगणों ने की सराहना
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मार्गदर्शन से संचालित संस्था ‘प्रेरणा’ की ओर से सोमवार को चैत्र-नवरात्रि के दिन 2100 कन्याओं का भव्य पूजन एवं वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस ऑडिटोरियम में मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर कहा कि जिस प्रकार हम भारत माता की पूजा करते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें कन्याओं की भी पूजा करते हैं। इसका पर्याय यह है कि यही बच्चियॉं बड़ी होकर एक आदर्श समाज का निर्माण करती हैं। आदिवासी, वनवासी, ग्रामीण या शहरों में रहने वाली हर कन्या देवी है। इनकी शिक्षा और सुरक्षा हमारा प्रमुख दायित्व है। इस अवसर पर लखनऊ की पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया, विशिष्ठ अतिथि के रूप में आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक अनिल जी व प्रांत प्रचारक कौशल जी, क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सुभाष जी, सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं राष्ट्रधर्म पत्रिका के निदेशक मनोजकांत जी, विश्व संवाद केंद्र के प्रमुख डॉ उमेश, क्षेत्र प्रचारिका शशि, सह प्रांत संघचालक सुनीत खरे, राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री, स्वतंत्र प्रकाश, पीएन द्विवेदी और पूर्व राज्य सूचना आयुक्त सुभाष सिंह, एकल विद्यालय अभियान के माधवेंद्र जी, प्रशांत भाटिया एवं डॉ सुनीता गांधी सहित समाज के विभिन्न वर्गों के सम्मानित लोग उपस्थित रहे।
कन्याओं के चरण धोये एवं तिलक लगाया
सेवा बस्तियों में रहने वालीं 2100 कन्याओं का ‘प्रेरणा परिवार’ द्वारा सोमवार को सुबह 10:00 बजे चैत्र-नवरात्रि के पावन अवसर पर पूजन-वंदन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कई संभ्रांत परिवारों की 200 से अधिक महिलाओं ने कार्यक्रम की शुरुआत में कन्याओं के चरण धोये एवं तिलक लगाया। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आरम्भ किये गए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कन्याओं के चरण धोये। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हर परिवार की जिम्मेदारी है कि वह वह अपनी कन्याओं को उचित शिक्षा दे। यही कन्याऍं देवी का स्वरूप हैं। वह बड़ी होकर समाज का उन्नत विकास करने में अहम योगदान देती हैं। बेटी चाहे आदिवासी समाज की हो या पिछड़े बस्तियों में रहने वाली उन्हें उचित शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था मिलनी चाहिये। समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह कन्याओं का विशेष ध्यान रखे। इस बीच उन्होंने मातृशक्तियों के सन्दर्भ में कहा कि एक महिला जब गर्भावस्था से गुजर रही होती है तो वह जो खाती है। पीती है। पढ़ती है, उसका गर्भ में पल रहे शिशु पर बहुत प्रभाव पड़ता है। वहीं, उन्होंने महिलाओं में बढ़ते सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के प्रति चिंता प्रकट करते हुये कहा कि इन रोगों से ग्रसित होकर कई महिलाऍं अकाल ही अपनी प्राण गँवा देती हैं। ऐसे में भाजपा ने अपने घोषणापत्र में वैक्सीन लाने की बात कही है। ऐसे में आवश्यक है कि जब यह वैक्सीन उपलब्ध हो जाए तो लोग अपनी बच्चियों को यह वैक्सीन लगवाऍं। कोरोना काल में जिस प्रकार लोगों ने वैक्सीन के प्रति जागरूकता दिखाई थी, ठीक उसी प्रकार इस वैक्सीन योजना को भी सफल बनाना है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
ज्ञात हो कि ‘प्रेरणा परिवार’ भारत की पारम्परिक रितियों को व्यापक रूप देते हुए समाज में समरसता का संदेश संचारित करने का कार्य करती है। इसी ध्येय वाक्य के अन्तर्गत कार्यक्रम के प्रारम्भ में विभिन्न सेवा बस्तियों से आमंत्रित की गईं 2100 कन्याओं की पूजा की गई। वहीं, कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उपस्थित जनसमूह के सामने कुछ बच्चों ने महिषासुरमर्दिनी स्त्रोत पाठ एवं जय अम्बे गीत पर मनमोहक प्रस्तुति दी। बच्चों ने कार्यक्रम में के लिए अपनी पोषाक भी स्वयं ही बनाई थी। इसके बाद माता अम्बे की आरती का कर्णप्रिय गायन गायक ओंकार जी ने प्रस्तुत किया। साथ ही, रूबिक्स क्यूब्स के माध्यम से आरएसएस के आद्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं क्षेत्र प्रचारक अनिल जी की तस्वीर बनाई थी, जिसकी सबने सराहना की। अंत में बच्चों को राज्यपाल एवं अन्य अतिथियों ने अपने हाथों से कन्या भोग कराने के साथ ही उपहार स्वरूप 2100 व्यवस्थित स्टेशनरी किट बॉंटे। साथ ही, अन्य भेंट सामग्रियाँ भी प्रेरणा परिवार द्वारा प्रदान की गईं। यह सारी सामग्री समाज द्वारा ही एकत्र की गयी थीं।
- बच्चों के बनाए सामान देख सबने की सराहना
इसके बाद सेवा बस्तियों में रहने वाली बच्चियों द्वारा लगाये गये स्टॉल पर जाकर राज्यपाल ने प्रोत्साहन स्वरूप बच्चों से बातचीत की। आयोजकों ने राज्यपाल को बताया कि सेवा बस्तियों में रहने वाले बच्चों ने विभिन्न प्रकार के कौशल हैं। वे अपने घरों में भी कुछ छोटे-छोटे कार्यों द्वारा परिवार के जीविकोपार्जन में सहयोग करते हैं। अत: उनके द्वारा अपने घरों में तैयार की गयी सामग्रियों का स्टाल भी कार्यक्रम स्थल पर लगाया गया था, जो आगन्तुकों के लिये विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा।
इस अविस्मरणीय क्षण पर ब्रह्मकुमारी राधा बहन, पद्मश्री मालिनी अवस्थी, सुधा सिंह, निर्मला पंत, डॉ. दर्शना कपूर, सोनम सिन्हा आदि उपस्थित रहे। मंच का संचालन शिखा भार्गव ने किया। इनके अतिरिक्त कार्यक्रम में लखनऊ महानगर के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रमुख तथा समाज क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले नागरिकों ने विशेष उपस्थिती से कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया। साथ ही, कार्यक्रम संचालन सदस्यों में निशिता, निखिल, श्वेता, अंकुर, इशा, गुँजित कालरा, शिखा, अभिनव, पारूल, अक्षय, अंजू, विपुल, रानी, जतिन, शचि, विकास, शिल्पा, अंशुमान, रश्मि, शरद, देवांशी एवं विराज दास ने अहम भूमिका निभाई।