(www.arya-tv.com) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EFPO) ने नियोक्ताओं को ज्यादा पेंशन का विकल्प (Higher Pension Option) चुनने वाले कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों की डिटेल्स जमा करने की आखिरी तारीख 3 महीने के लिए बढ़ा दी है. ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने के लिए ज्वाइंट फॉर्म वैलिडिएट करने की डेडलाइन 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी. अब नियोक्ता यानी कंपनियां कर्मचारियों के वेतन और भत्तों की डिटेल 31 दिसंबर तक जमा करा सकेंगे.
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि नियोक्ताओं और एंप्लॉयर यूनियन ने आवेदक पेंशनर्स/मेंबर्स के वेतन विवरण अपलोड करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की अपील मंत्रालय से की थी. वेतन भत्तों के सत्यापन के लिए 29 सितंबर, 2023 तक 5.52 लाख आवेदन नियोक्ताओं के पास लंबित पड़े हुए हैं. मंत्राल ने कहा कि इस अनुरोध पर विचार करने के बाद ईपीएफओ बोर्ड चेयरमैन ने नियोक्ताओं के लिए वेतन विवरण आदि जमा करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ा दी है.
यह है मामला
मार्च 1996 में EPS-95 के पैरा 11(3) में एक प्रावधान जोड़ा गया. इसमें EPFO मेंबर्स को अपने पेंशन कॉन्ट्रीब्यूशन में पूरी सैलरी (बेसिक + महंगाई भत्ता) के 8.33% तक बढ़ाने की अनुमति दी गई. यानी उन्हें ज्यादा पेंशन पाने का मौका दिया गया. EPFO ने कर्मचारियों को हायर पेंशन योगदान के लिए जॉइंट ऑप्शन फॉर्म दाखिल करने के लिए केवल छह महीने का समय दिया था. इस अवधि में ज्वाइंट ऑप्शन फार्म बहुत से कर्मचारी दाखिल नहीं कर पाए. वे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सरकार को इन कर्मचारियों को जॉइंट ऑप्शन फॉर्म दाखिल करने का मौका देने का आदेश दिया था.
नवंबर 2022 में आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चार नवंबर, 2022 को अपने आदेश में कहा था कि EPFO को सभी पात्र सदस्यों को ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने के लिए चार महीने का समय देना होगा. यह चार माह की अवधि तीन मार्च, 2023 को समाप्त हो गई थी. इसके बाद से ही इस डेडलाइन को आगे बढ़ाया जा रहा है.