मेरठ(www.arya-tv.com) पश्चिमांचल में बुनकरों के नाम पर बिजली बिलों में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। सस्ती दरों पर बिजली के लिए उद्योगपति बुवकर बनने के साथ ही बुनकर कनेक्शन पर उन मशीनों को चला रहे हैं, जो पावरलूम कनेक्शन के दायरें में नहीं आती हैं। पीवीवीएनएल अधिकारी इन पर मेहरबान हैं और इन्हें सस्ती दरों पर बिजली भी मुहैया करा रहे हैं। देय बिल में 140 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है।
सरकार बुनकरों की मदद के लिए वास्तविक दरों के मुकाबले उनसे करीब दस फीसदी राशि ही लेती है। बाकी राशि का भुगतान सरकार खुद सब्सिडी के रूप में करती है। पीवीवीएनएल में बुनकर श्रेणी के करीब डेढ़ लाख उपभोक्ता हैं। मेरठ जोन में भी इनकी संख्या बीस हजार से ज्यादा है। पावर कारपोरेशन को सब्सिडी का भुगतान हथकरघा विभाग करता है।
योजना में 1 या 2 हॉर्स पावर की ही पावरलूम मशीनें लगाई जा सकती हैं। बावजूद इसके फैक्टरियों में धागे को ट्विस्ट करने की कीमती मशीनें चल रही हैं। इनमें 20-60 हॉर्स पावर की मोटर लगी है। 2018 में योगी सरकार ने हथकरघा विभाग से सर्वें कराया था। इसमें पाया गया कि शहर, परतापुर, उद्योगपुरम, मोहकमपुर, माधवपुरम, लिसाड़ी गेट, बुनकर नगर, गोलाकुआं और काजीपुर क्षेत्र में बड़ी फैक्टरियों में भी बुनकर कनेक्शन लगे हैं।