- गुरुपर्व पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने गुरु नानक द्वार का किया शिलान्यास : 24.87 लाख की लागत से आशियाना गुरुद्वारा में बनेगा भव्य प्रवेश द्वार
- गुरु नानक जयंती पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने गुरबानी सुनीं लंगर सेवा की, सिख गुरुओं के योगदान को याद किया
लखनऊ। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के 555वें प्रकाश पर्व के अवसर पर शुक्रवार को सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने आशियाना गुरु द्वारा पहुंचकर गुरु वाणी का श्रवण किया और लंगर सेवा की। इस अवसर पर विधायक ने गुरुद्वारे के प्रवेश स्थल पर गुरु नानक द्वार का शिलान्यास किया, इस भव्य द्वारा का निर्माण डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा विधायक निधि के माध्यम से 24.87 लाख की लागत से करवाया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने सभी को गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी के विचारों ने मानवता को शीर्ष पर पहुंचाया है, उनकी अमूल्य शिक्षाओं में वैश्विक शान्ति का मार्ग निहित है। गुरु नानक देव ने एक ओंकार का मन्त्र देकर एक ईश्वर में आस्था और एकता का सन्देश दिया। गुरु नानक देव की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए सरोजनी नगर विधायक ने आगे जोड़ा कि गुरु नानक देव ने कहा था, नाम जपो, किरत करो, वंड छको यानी ईश्वर का नाम जपना चाहिए, अच्छे कर्म करने चाहिए और मिल बाँट कर खाना चाहिए। गुरु नानक देव ने सेवा को ही सबसे बड़ा धर्म माना था।
सरोजनीनगर विधायक ने सिख गुरुओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि गुरु अंगद देव ने गुरुमुखी लिपि दी, गुरु अमर दास ने लंगर की शुरुआत की, गुरु राम दास ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की स्थापना की, गुरु अर्जन देव ने गुरु ग्रंथ साहिब का संकलन किया, गुरु हरगोबिंद जी ने मीरी-पीरी अवधारणा दी, गुरु हर राय ने पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया, गुरु हर कृष्ण ने चेचक महामारी के दौरान मानवता की सेवा की, गुरु तेग बहादुर ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया और सरवंश दानी गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की।
इस अवसर पर डॉ. सिंह ने सरोजनीनगर में सभी सिख गुरुओ के त्याग और बलिदान को संजोये भव्य ‘विरासत ए खालसा’ के निर्माण के संकल्प और प्रयासों का उल्लेख भी किया। कार्यक्रम में जगजीत सिंह वोहरा, दलजीत सिंह बेदी, जसपाल सिंह दुगल, जगजीत सिंह, जे. एस. चड्ढा, डॉ. एस. एस. सलूजा, डॉ. एम. एस. छाबड़ा, सोनू सेठी, अमन वोहरा, दविंदर सिंह, सर्वजीत सिंह व अन्य मौजूद रहे।