डाॅ.बबीता ने आयुर्वेदिक चिकित्सालय में औषधीय पौधों का रोपण किया

Lucknow
  • डाॅ.बबीता ने आयुर्वेदिक चिकित्सालय में औषधीय पौधों का रोपण किया
  • गिलोय, तुलसी, नीम, मीठा नीम, ऐलोवेरा, पत्थरचूर, अस्थिश्रृंखला, पाठा, अंजीर, शहतूत, अपामार्ग, कनेर आदि औषधीय पौधों का रोपण किया गया

(www.arya-tv.com)राष्ट्रीय वनोत्सव सप्ताह के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आकांक्षाओं के अनुरूप औषधीय पौधारोपण का मिशन-2020 के अन्तर्गत 2 जून को राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय चन्द्रावल लखनऊ की प्रभारी चिकित्साधिकारी डाॅ.बबीता केन एवं कर्मचारियों द्वारा चिकित्सालय परिसर में जनसामान्य के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी गिलोय, तुलसी, नीम, मीठा नीम, ऐलोवेरा, पत्थरचूर, अस्थिश्रृंखला, पाठा, अंजीर, शहतूत, अपामार्ग, कनेर आदि औषधीय पौधों का रोपण किया गया। चिकित्सालय में आए रोगियों व ग्रामवासियों को भी औषधीय पौधों के रोपण हेतु प्रोत्साहित एवं जागरूक किया गया ।

पेड़-पौधे हमारे लिए प्रकृति के अनूठे वरदान है जो हमें केवल हरियाली, फल एवं फूल ही प्रदान नहीं करते, बल्कि हमारे बेहतर स्वास्थ्य में प्राकृतिक सहयोगी मित्र की भूमिका भी निभाते हैं। पेड़-पौधो के बिना जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है। ये हमें प्रदूषण से बचाते हैं, हमें ऑक्सीजन देते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य विषाक्त गैसों को संशोधित करते हैं। एक ओर जहां पेड़-पौधे हमे अनेक प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखते हैं, वहीं बहुत से तरीकों से हमारे जीवन का पालन-पोषण भी करते हैं। ये हमारे पर्यावरण को स्वच्छ और पृथ्वी को हरा रखते हैं। पेड़ सोने की तरह मूल्यवान हैं, इसी कारण इन्हें धरती का हरा सोना भी कहा जाता है।

पेड़ों के बिना हमारा जीवन बहुत कठिन बन जाएगा या कह सकते हैं कि जीवन खत्म हो जायेगा, क्योंकि हमें स्वस्थ और समृद्ध जीवन देने में पेड़ बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को पेड़-पौधे के प्रति जागरूक करना होगा। जहां पेड़ काटे जाते हैं उससे पहले वहां पेड़ लगाए जाएं। हमारे जो वन बचे हुए हैं, उन्हें संरक्षित किया जाए। हमें अपने आसपास न सिर्फ नये पौधे रोपना चाहिए, बल्कि उनकी देखभाल और संरक्षण की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित हो सकें। बच्चों को प्रकृति और पर्यावरण का सम्मान करना सिखाना चाहिए। घर में जगह होने पर कम से कम एक पेड़ हो या गमले में तुलसी, गिलोय, ऐलोवेरा, पत्थरचूर, गेंदा, गुलाब आदि पौधे लगाए। सार्वजनिक स्थानों पर अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, तभी हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं।

डाॅ.बबीता केन एम.डी. (आयुर्वेद) प्रभारी चिकित्साधिकारी राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय,चन्द्रावल,लखनऊ (उ.प्र.)