डोनल्ड ट्रंप सऊदी अरब के बिछड़ने से क्यों डरते हैं

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(AryaTv : Lucknow) Kajal

ये एक ऐसा वक़्त है जब अमरीका में एक अदूरदर्शी स्थिति बनी हुई है. तो  ट्रंप प्रशासन पर दुनिया भर में हो रही नाइंसाफ़ी की वारदातों पर  तमाशा बन कर देखने का आरोप लग रहे हैं.

अमरीका इस मामले में अकेला नहीं है.  बल्कि  चीनी इंटरपोल के प्रमुख मेंग हॉन्गवी को चीन प्रशासन  का नज़रबंद करने का मामला  सामने आ  रहा  है . जिसमे सैलिसबरी में केमिकल हमले में क्रेमलिन के संलिप्त होने के सुराग़ हो. इन सभी मामलों पर सरकारों ने चुप रहना ही ठीक समझा.

इसी कड़ी में   सबसे  बड़ा मामला सऊदी अरब के पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी के लापता होने का है. जमाल ख़ाशोज्जी दो अक्टूबर को तुर्की के अंकारा स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास गए और वहां से वापस नहीं लौटे. लेकिन अब तक राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, जिससे लगे कि वो मानवाधिकारों को लेकर चिंतित हैं.

दुनिया भर के देशों में अधिनायकवाद चरित्र वाले सत्ता पर क़ाबिज हो रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय नियमों को धत्ता बता रहे हैं. यह एक नए युग की शुरुआत है, जहां मूल्यों पर हित हावी हैं.

पारंपरिक तौर पर अमरीका हमेशा नियमों का पालन करने वाला देश रहा है. इसे नेतृत्व का नैतिक उदाहरण माना जाता रहा है. दुनिया भर के देशों में  गलत गतिविधियों  पर अमेरिका लगभग  मुखर हो कर सामने आया  है लेकिन हाल के वक़्त में डोनल्ड ट्रंप ने अपनी भूमिका से लोगों को निराश किया है. इसके साथ ही एक ख़तरा ये भी पैदा हो रहा है कि क्या ट्रंप के देशभक्ति के सिद्धांत के ज़रिए अमरीका दुनिया भर को एक नकारात्मक संदेश तो नहीं दे रहा है .

क्या यह सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान के हनीमून का अंत है

क्या अमरीका में लाल, सफ़ेद और नीले रंग के झंडे के साथ दिया गया ‘अमरीका फर्स्ट’ का नारा दिया दुनिया को एक हरी झंडी तो नहीं दे रहा लेकिन  जिसकी आड़ में बाक़ी देश अपनी मनमानी कर सकें.

आख़िर खुलकर क्यों नहीं बोल रहे ट्रंप?

बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने सऊदी अरब के पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी को संदिग्ध परिस्थिति में लापता होने के मामले को ‘बेहद गंभीर’ बताया. कहा गया कि अमेरिका इस मामले में रियाद के साथ उच्च स्तर पर अपनी चिंता ज़ाहिर कर चुका है.

अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और ट्रंप के दामाद जैरेड कशनर ने सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से इस मामले में बात की और व्हाइट हाउस के अधिकारी जल्द ही जमाल ख़ाशोज्जी की मंगेतर हदीजे जेनगीज़ से मुलाक़ात करेंगे.लेकिन ट्रंप ने सउदी अरब की निदा नहीं की. और न ही पत्रकार का जिक्र भी नहीं किया .