क्या बांसुरी स्वराज पर लागू नहीं होता परिवारवाद? सुषमा स्वराज की बेटी ने दिया ये जवाब

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(www.arya-tv.com) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर लगातार हमला करते आए हैं. उन्होंने संसद भवन में भी परिवारवाद पर स्पष्टीकरण दिया था. अब इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नई दिल्ली से लोकसभा उम्मीदवार और पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने अपनी राय रखी है.

एबीपी न्यूज के साथ हुई खास बातचीत में बीजेपी प्रत्याशी से परिवार को लेकर सवाल पूछा गया कि क्या आपको परिवारवाद में शामिल किया जाएगा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ”बिल्कुल नहीं. क्योंकि इसके दो पहलू हैं. पहला तो ये कि बस क्योंकि मेरी मां राजनीति में थीं इसलिए राजनीति मेरे लिए निषेध नहीं है लेकिन मुझे भी उतना ही अधिकार है परिश्रम का जितना कि उसको जो ऐसे परिवार से आता है जिसके माता-पिता जनप्रतिनिधि नहीं हैं.”

किन लोगों पर लागू हो परिवारवाद?

बांसुरी स्वराज ने आगे कहा, “परिवारवाद उन लोगों पर जरूर लागू होता है जो आते ही नंबर वन कहलाने लग जाए. ये कोई पुश्तैनी विरासत नहीं है. मैं बहुत शुक्रगुजार हूं कि पार्टी ने मुझे ये अवसर दिया. नीचे से ऊपर काम करके फिर एक जगह बनाने का मौका दिया.”

छोटे कार्यकर्ता के रूप में शुरू की राजनीति

उन्होंने बताया, “मैंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एबीवीपी कार्यकर्ता के रूप में की. मैंने एक दशक तक पार्टी की सेवा कचहरी में एक वकील के तौर पर की. मेरी संघ आयु 24 साल है. इसके बाद जब मुझे पार्टी में लिया गया तो सबसे पहले दिल्ली प्रकोष्ठ में सह संयोजक की भूमिका में लिया गया इसके बाद मुझे दिल्ली प्रदेश में सचिव की भूमिका दी गई. मैं जानती हूं एक कार्यकर्ता के रूप में काम करना क्या है. बूथ नंबर 44 पर भी मैंने काम किया. मैंने भी जमीनी स्तर पर काम किया है. आज जो मुझे मिला है वो रिवॉर्ड नहीं बल्कि दायित्व है.”