बच्चों के बुखार को भूलकर भी न करें नजरअंदाज, तत्काल कराए इलाज

Gorakhpur Zone Health /Sanitation

(www.arya-tv.com) मथुरा जैसे जिलों में बच्चों की हो रही मौतों को देखते हुए गोरखपुर में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। बच्चों के बुखार पर विभाग की नजर है। सीएमओ ने निर्देश दिया है कि सीएचसी और पीएचसी पर आने वाले बच्चों पर विशेष नजर रखी जाए। अगर उन्हें बुखार, डेंगू, वायरल फीवर के लक्षण दिखते हैं तो तत्काल उनका इलाज करें। जरूरत पड़ने पर जिला अस्पताल भेजे। जानकारी के मुताबिक, बच्चों में भी वायरल फीवर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिला अस्पताल में बच्चों की ओपीडी में प्रतिदिन 50 से 60 बच्चे वायरल फीवर से संक्रमित मिल रहे हैं।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी यही हालात है। इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी प्रतिदिन 60 से 70 प्रतिशत बच्चे वायरल फीवर के पहुंच रहे हैं। इनमें कई बच्चों को तो दिमागी बुखार के भी लक्षण मिले हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. भूपेंद्र शर्मा बताते हैं कि इस मौसम में बच्चों में वायरल फीवर के मामले बढ़ गए हैं। बच्चों को अगर सर्दी, जुकाम और बुखार आता है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर दवा दें।

कहा कि अब तक फिरोजाबाद और मथुरा में जिस तरह के केस बच्चों में मिले हैं, वैसे मामले अब तक जिले में नहीं मिले हैं। लेकिन इसके बाद भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। बच्चों को बिना वजह बाहर कत्तई न निकलें। क्योंकि वायरल भी कोरोना संक्रमण की तरह है। सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि बच्चों पर विशेष निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं। लक्षण दिखने पर तत्काल दवा देने को कहा गया है। अब तक जिले में फिरोजाबाद की तरह कोई केस नहीं मिले हैं।

बच्चों में निमोनिया ज्यादा खतरनाक
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष अग्रवाल ने बताया कि बच्चों में निमोनिया ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इस वक्त बच्चों में निमोनिया के भी लक्षण मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों का इलाज तत्काल होना चाहिए। अगर जरा सी लापरवाही होती है तो बच्चों को दिमागी बुखार का भी खतरा हो सकता है।