(www.arya-tv.com) 27 साल के लंबे इंतजार के बाद वह ऐतिहासिक क्षण आ गया है। लोकसभा से पारित हो चुका महिला आरक्षण बिल आज राज्यसभा की दहलीज पर है। इस संविधान संशोधन बिल पर गुरुवार को उच्च सदन में चर्चा हो रही है। सरकार ने लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि लोकसभा चुनाव के फौरन बाद जनगणना और परिसीमन की कार्रवाई होगी। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित कानून बहुत जल्द आकार लेगा।
इससे पहले, लोकसभा में विपक्षी नेताओं ने आग्रह किया कि बिल के कानून बनने के साथ इसे जल्द लागू किया जाए, क्योंकि इसमें देरी भारत की महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी। कई विपक्षी सांसदों ने कहा, जाति जनगणना करा कर इसमें SC, ST, OBC की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए। राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल 2023 पर चर्चा के दौरान किसने क्या कहा, हर अपडेट देखिए।
BJP की सरोज पांडेय ने राज्यसभा में क्या कहा
बीजेपी सांसद सरोज पांडे ने कहा कि ‘सदन में बिल के नाम नारी शक्ति वंदन का का बार-बार जिक्र हो रहा है। कुछ लोगों को वंदन शब्द से आपत्ति है। उन्होंने कहा हमारी मंशा पर सवाल पूछने वालों को याद दिलाना चाहती हूं। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में सुषमा स्वराज के पास विदेश मंत्रालय था, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण थीं।
वहीं गृह मंत्रालय राजनाथ सिंह और वित्त मंत्रालय अरुण जेटली देखते थे। तब लोग कहते थे कि भारत का विदेश और रक्षा विभाग महिलाएं संभाल रही हैं और गृह और वित्त पुरुष। ये प्रधानमंत्री मोदी का महिलाओं पर भरोसा करने का नतीजा था।’
राजद MP मनोज कुमार झा ने क्या कहा
राजद के सांसद मनोज झा ने बिल का नाम ‘नारीशक्ति वंदन अधिनियम’ रखने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पता नहीं देश में देवता बसते हैं या नहीं मगर महिलाओं के खिलाफ अपराध बहुत होते हैं। सबसे ज्यादा ऐसे अपराध परिवार नाम की संस्था में होते हैं।
प्रफेसर मनोज कुमार झा ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी… भगवतिया देवी पत्थर तोड़ने वाली महिला थी… हम न सहबो गाली… गया से निकलकर वह संसद तक पहुंची। गया उसके बाद भगवतिया देवी आ पाईं? फूलन देवी आ पाईं? हम आपको दोष नहीं देते। हमारी संस्थाएं संवेदनशून्य हैं।’
बीजेपी के जेपी नड्डा के संबोधन की बड़ी बातें
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए बीजेपी के जेपी नड्डा ने जीजाबाई से लेकर रानी लक्ष्मीबाई तक का जिक्र किया। महिलाओं के भारत की विकास यात्रा में योगदान को रेखांकित करते हुए नड्डा ने कहा कि 21वीं सदी महिलाओं की सदी है।
नड्डा ने कहा, बहुत देशों से काफी पहले भारत ने महिलाओं को मतदान का पूर्ण अधिकार दिया। कई देशों से पहले हमारे देश में महिला प्रधानमंत्री हुईं। इसलिए हमारे देश में नारी अबला कभी नहीं रही।
नड्डा ने कहा कि ‘महिलाओं को किस सीट पर आरक्षण मिले, किस सीट पर न मिले, इसका फैसला कौन करेगा।
इसका फैसला सरकार नहीं करती। इसका फैसला जुडिशल बॉडी करती है, उसको नॉमिनेट करना पड़ता है। मैं अगर सरकार में हूं और वायनाड को रिजर्व कर दूं तो, मैं रायबरेली को रिजर्व कर दूं तो, कलबुर्गी को कर दूं तो…’
नड्डा ने कांग्रेस पर नड्डा ने तंज कसते हुए कहा, ‘कुछ लोग आत्म स्तुति में इतना रहते हैं कि और कुछ सुनना चाहते ही नहीं हैं… मैंने कहा था कि देश में महिला प्रधानमंत्री रही, जो दुनिया में हमारे लिए गौरव की बात है।’
जेपी नड्डा ने कहा, ‘ट्रिपल तलाक बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान, इराक, सीरिया, इंडोनेशिया में ट्रिपल तलाक नहीं लेकिन हमारे भारत में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट में कहने के बावजूद चल रहा था… क्योंकि हम माइनॉरिटी अपीजमेंट, वोट बैंक की पॉलिटिक्स करते हैं… पीएम मोदी की इच्छाशक्ति थी कि ट्रिपल तलाक खत्म हो गया।’
कांग्रेस की रंजीत रंजन ने सरकार को जमकर घेरा
- राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक 2023 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस की सदस्य रंजीत रंजन ने सरकार को आड़े हाथ लिया।
- रंजन ने महिला पहलवानों के आंदोलन, मणिपुर में महिलाओं संग हिंसा की रिपोर्ट्स का जिक्र करते हुए कहा कि यह बिल केवल दिखावा मात्र है। रंजन ने कहा कि मोदी सरकार चुनावी फायदे के लिए यह बिल लेकर आई है।
- रंजन ने कहा, जब संसद की नई इमारत का उद्घाटन हुआ तो हमारी राष्ट्रपति, एक महिला को, द्रौपदी मुर्मु जी को नहीं बुलाया गया… ये है आपका नारी सम्मान।
राज्यसभा में नारीशक्ति वंदन अधिनियम 2023 पेश
कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में ‘नारीशक्ति वंदन अधिनियम 2023’ पेश किया। यह बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करता है। इसकी अवधि 15 साल की होगी जिसे संसद बढ़ा भी सकती है। मेघवाल ने बिल पेश करते हुए कविता पढ़ी- ‘सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेगी, जन-गण-मन की शान बढ़ेगी।’