विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को लेकर बोले उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, कहा- अपने घर में तिरंगा लगाकर उसे सलूट करें

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक  ने भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर द्वारा  कैसरबाग पार्टी कार्यालय में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस से पहले दिनांक 13, 14 15 को भारतीय जनता पार्टी द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 13 तारीख को पूरे प्रदेश में घर-घर तिरंगा लगाए जा रहे हैं। हर नागरिक को उस में भाग लेना है, अपने घर में तिरंगा लगाकर उसे सलूट करना है और अपने देश की आजादी के रणबांकुरों को याद करना है और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करना है। उन्होंने कहा 14 तारीख देश के लिए अहम है ,इस दिन विभाजन की विभीषिका नाम से संगोष्ठी पार्टी द्वारा हर जिले में होगी।

उन्होंने कहा 15 अगस्त को हर विधानसभा में तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। हम सब तिरंगा लेकर बड़ी संख्या में युवा, बुजुर्ग बच्चों के साथ हर विधानसभा में हर मोहल्लों में हर गांव में हर गली में तिरंगा यात्रा निकालकर अपनी आजादी के महापर्व को मनाएंगे और आजादी के रणबांकुरों को याद करेंगे। जनता से भी अनुरोध है कि सभी अपने-अपने घरों में तिरंगा अवश्य लगाएं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने तय किया है जिस ढंग से देश को आजादी मिली और जिन परिस्थितियों में विभाजन की  विभीषिका भी हमें झेलनी पड़ी। देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों भाइयों और बहनों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। विभाजन की पीड़ा को भुलाया नहीं जा सकता है यह दिन भारत के लोगों के संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है और इसे प्रत्येक भारतीय को याद रखना चाहिए।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेसी सरकार द्वारा विभाजन स्वीकार करना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। विभाजन की त्रासदीयों को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के मध्य जो समझौता हुआ था जिसके तहत यह तय हुआ था कि जो लोग वापस पुराने स्थानों पर लौट जाएंगे उन्हें उनकी वह संपत्ति लौटा दी जाएगी जो वह अपने देश में छोड़कर चले आए थे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ क्योंकि दोनों ही सरकारों ने इसे गंभीरता पूर्वक लागू नहीं किया। नेहरू लियाकत संधि के विरोध में 8 अप्रैल 1950 को नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि दिल्ली समझौता विफल हो जाएगा और ऐसा ही हुआ था।

कांग्रेस की नीतियों से न केवल देश के टुकड़े करवाए बल्कि लाखों लोगों के खून से भारत भूमि को नहला दिया गया। घृणा का जो बीज उस समय बोया गया उन्हें पूर्णता नष्ट करने के लिए आने वाली कई पीढ़ियों को मिलकर प्रयास करना होगा, आज जो कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की ध्वजवाहक बनने का ढोंग करती है उसी कांग्रेस ने कई सांप्रदायिक कानूनों को पारित करवाने में अंग्रेजों की सहायता की थी । पंडित नेहरू यदि राष्ट्रवादी थे उनका विश्वास धर्मनिरपेक्षता में था तो अचानक धर्म के नाम पर होने वाले विभाजन को स्वीकार करने के लिए क्यों सहमत हुए? कांग्रेस द्वारा निरंतर मुस्लिम लीग को तुष्ट करने की अपनाए जाने वाली नीति को उस समय के सबसे बड़े बुद्धिजीवी एवं विद्वान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने भी कभी पसंद नहीं किया और कांग्रेस के रवैया की हमेशा आलोचना की।

आज आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी देश को यह याद दिलाना चाहती है कि  विभाजन को एक सबक के रूप में लेना चाहिए ताकि भारत अतीत की गलतियों को ना दोहराएं और देश तुष्टिकरण का रास्ता ना अपनाएं। खासकर जब हमारे पड़ोस में अस्थिरता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हो। विभाजन के समय 6 लाख से अधिक लोग माइग्रेट हुए और एक लाख से अधिक महिलाओं को दुर्व्यवस्था  का शिकार होना पड़ा। आज उन घटनाओं को याद करके उनका चित्रण पढ़कर के हमारे रोए खड़े हो जाते हैं। महिलाओं पर अत्याचार अनाचार हुआ था, जो ट्रेनें पाकिस्तान से भारत की तरफ आ रही थी। पूरी ट्रेनों में नरसंहार होता था तलवारों और भालो से उन्हें काट दिया जाता था ।वह विभाजन की विभीषिका याद करके हम सब सिहर उठते हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा बहुत से भाई बहन हमारे ऐसे हैं जो विभाजन की विभीषिका में भारत आए थे उन्होंने अपने परिवारों को खोया था, लखनऊ में बड़ी संख्या में सिंधी समाज के व अन्य समाज के लोग रहते हैं। जिन लोगों ने विभाजन की विभीषिका की त्रासदी को झेला था। अपनी संपत्ति अपना उद्योग अपना व्यापार को छोड़कर के नंगे पांव भागे थे। पिछले 75 वर्षों से हम उन लाखों पुरुषों और महिलाओं को याद किए बिना आजादी का जश्न मना रहे थे जिन्होंने अप्रिय और अव्यवस्थित विभाजन के दौरान अपनी जान गवाही और अनेकों त्रासदियों का सामना किया पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी जी की घोषणा के साथ अब 15 अगस्त को होने वाले भविष्य के आयोजनों में हमेशा नरसंहार के पीड़ितों की स्मृतियां सदैव सभी भारतीयों के मन मस्तिष्क में विद्यमान होगी। विभाजन की विभीषिका को याद करके हम अपने पूर्वजों को जिन लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी उनको नमन करके हम याद करेंगे कि हमें किस ढंग से आजादी मिली थी। हम उन लोगों को भी नहीं छोड़ेंगे जिन्होंने विभाजन की विभीषिका के शिकार हुए लोगों को बचाने का प्रयास नहीं किया और सत्ता का लाभ लेते रहे।

आज भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी जी ने तय किया है कि विभाजन की विभीषिका के बारे में घर-घर मोहल्ले मोहल्ले गली गली संगोष्ठी करके इस बात का प्रचार प्रसार करेंगे कि जो हमें आजादी मिली थी उसके दुष्परिणाम क्या थे और आज भारत कहां खड़ा है। माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी का मानना है कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रोत्साहित करेगा बल्कि इससे एकता सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होगी। प्रेस वार्ता में महानगर अध्यक्ष सदस्य विधान परिषद मुकेश शर्मा, महामंत्री पुष्कर शुक्ला और मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग उपस्थित रहे।

महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि 14 अगस्त को देश के विभाजन पर ‘विभाजन विभीषिका गोष्ठी’ का आयोजन सहकारिता भवन में शाम 4:00 बजे से किया जाएगा साथ ही विभाजन त्रासदी पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी और उसके उपरांत प्रदेश मुख्यालय से मौन जुलूस भी निकाला जाएगा। कार्यक्रमों में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी और लखनऊ से सभी विधायक और एमएलसी गण सहित वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। यह सब आज की पीढ़ी को स्मरण करने के लिए किया जाएगा ताकि आज के नवयुवक यह जाने की कैसे और किन लोगों ने देश का विभाजन कराया जिसके फलस्वरूप जनता को त्रासदी का शिकार होना पड़ा था।