कोचिंग खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन; पुलिस ने मना किया तो प्रदर्शनकारियों से झड़प

Lucknow
  • संचालकों की मांग, बीते छह महीनों से हमारी कोचिंग बंद हैं, किराया देने को नहीं है
  • सरकार सबके लिए गाइडलाइन जारी कर रही, हमारी मांगें सुनने को तैयार नहीं

www.arya-tv.com)कोरोना महामारी की वजह से राजधानी समेत पूरे प्रदेश में शनिवार शाम कोचिंग सेंटर्स खोलने की मांग को लेकर संचालक सड़कों पर उतर आए। उत्तर प्रदेश कोचिंग वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले परिवर्तन चौराहे से विधानसभा तक कैंडल मार्च निकालने जा रहे कोचिंग संचालकों को पुलिस ने हनुमान सेतु के पास रोक लिया। इस दौरान पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस कोचिंग संचालकों को हिरासत में थाने लेकर गई। कोचिंग संचालकों की मांग है कि सरकार सभी के लिए गाइडलाइन जारी कर रही है, तब हमारे लिए भी गाइडलाइन लेकर आए। हमें परिवार चलाने में दिक्कतें आ रही।

एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अभय शुक्ला का कहना है कि हम दो दर्जन से ज्यादा कोचिंग संचालक आए थे। हम लोगों का सरकार से कहना है कि अगर जिम और पब फिर से खुल गए हैं तो कोचिंग संस्थान क्यों नहीं? हम कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे थे, फिर भी पुलिस ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस का कहना था कि आपके पास प्रदर्शन करने के लिए परमिशन नहीं है।

ये हैं एसोसिएशन की मांगें
एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सिंह कहना है कि मार्च की शुरुआत से ही सारे कोचिंग संस्थान बंद चल रहे हैं। बीते 6 महीने से हमें कोई आमदनी नहीं हुई। सरकार जो गाइडलाइन जारी करती है, उसमें यूनिवर्सिटी-कॉलेज का जिक्र तो होता है लेकिन कोचिंग संस्थानों के बारे में कोई चर्चा नहीं होती। यूनिवर्सिटी-कॉलेजों को सरकार ने कई तरह की छूट दे रखी है, लेकिन हमारी कोई सुन नहीं रहा है। ज्यादातर कोचिंग संस्थान किराए के मकानों में चलते हैं। शुरू में तो हमने किराया दिया लेकिन अब असमर्थ हैं और मकान मालिक किराए के लिए दबाव बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कोचिंग संस्थानों के संगठन यूपी कोचिंग एसोसिएशन से राज्य के करीब 250 संस्थान जुड़े हैं।