सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच वीडियो कॉल पर गुहार:लड़की बोली- मेरी जान को खतरा

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(www.arya-tv.com) सुप्रीम कोर्ट में किडनैपिंग के आरोपी की जमानत पर सुनवाई चल रही थी। इसी बीच कोर्ट रूम में एक मोबाइल पर एक लड़की का वीडियो कॉल आता है। उसकी गुजारिश पर जज से बात करवाई जाती है।

लड़की कहती है कि मेरी जान को खतरा है। मैं कोर्ट कैम्पस में ही हूं। इस पर जज कहती हैं- आप वहीं इंतजार कीजिए। आपको लेने कोई आ रहा है। यह वही लड़की है जिसके अपहरण के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है।

वेकेशन बेंच की जज बेला एम त्रिवेदी इस मामले में सुनवाई कर रही थीं। उनके बुलाने पर लड़की कोर्ट रूम में आती है और अपने परिवार पर ही आरोप लगाती है। वह कहती है, ‘मेरे परिवार ने मुझे पढ़ने की परमिशन नहीं दी, इसलिए मैं घर से भाग गई। मुझे बनारस जाना है।’

लड़की की बात सुनकर जज बेला त्रिवेदी ने पूछा- आज इस केस की सुनवाई है यह आपको कैसे पता चला? इस पर लड़की बोली- दोस्त ने बताया था, लेकिन उसके बारे में आपको कैसे बताऊं? इस पर जज बेला ने कहा- यह दोस्त कौन है, बेशक आप हमें सब कुछ बताएं।

यह पूरा मामला मध्यप्रदेश की 20 साल की एक लड़की से जुड़ा है, जो घर से भाग गई थी। उसे डर था कि परिवार वाले उसे मार डालेंगे। लड़की ने आरोप लगाया था कि उसका भाई उसका पीछा कर रहा है। साथ ही कहा कि वे उसे जबरन घर ले जाएंगे, लेकिन वह नहीं जाना चाहती। वह वाराणसी में रहती है और वहीं लौटना चाहती है।

दरअसल लड़की के घर से भागने के बाद परिजन ने एक युवक के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। युवक पर 2 लड़कियों के अपहरण का आरोप था, जिनमें से एक लड़की फरार है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी। जिसके खिलाफ यह युवक सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम मामले में दखल नहीं देंगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत इसलिए रद्द की, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा था और बुलाए जाने के बावजूद जांच अधिकारी को जवाब नहीं दे रहा था।

बेंच ने कहा- “हम HC के आदेश में दखल नहीं देंगे, लेकिन यह निर्देश देते हैं कि आरोपी दो दिन के अंदर सरेंडर करे। वह जमानत के लिए आवेदन कर सकेगा। साथ ही संबंधित अदालत हमारे आदेश से प्रभावित हुए बिना जल्द निर्णय ले।”

लड़की को वाराणसी तक सुरक्षा प्रदान की जाए- SC
कोर्ट ने यह भी कहा कि लड़की ने आशंका व्यक्त की है कि उसकी जान को खतरा है। इसलिए हम नई दिल्ली में तिलक मार्ग एसएचओ को उसे सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देते हैं। एसएचओ मंगलवार को ही वाराणसी में उसे छोड़ने के लिए जरूरी व्यवस्था करें।