कोरोना संक्रमित झाेलाछाप की मौत,प्रशासन ने शव को सुपुर्द ए खाक कराया

Bareilly Zone UP

बरेली।(www.arya-tv.com) कोरोना सं​क्रमित की मौत होने के बाद प्रशासन का साथ आया आगे बरेली में तड़के हुई कोरोना संक्रमित झाेलाछाप की मौत के बाद प्रशासन ने दोपहर को शव को सुपुर्द ए खाक करा दिया। हजियापुर के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक करने के दौरान प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विशेष एहतियात बरते। इस दौरान कोरोना संक्रमित के परिवार के सिर्फ चार सदस्यों को ही प्रशासन अपने साथ कब्रिस्तान लाया था। सुरक्षा के चलते बाकी रिश्तेदारों को रोक दिया गया था।

दोपहर को प्रशासन और पुलिस के अफसरों के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज पहुंची। जहां सर्विलांस प्रभारी रंजन गौतम की मौजूदगी में कोरोना संक्रमित झोलाछाप के शव को हजियापुर के कब्रिस्तान में लाया गया। कब्रिस्तान लाने के पूर्व प्रशासन ने मृतक की पत्नी को शव को दिखा दिया था। जिसके बाद प्रशासन ने मां व पत्नी सहित दो अन्य सदस्यों को पीपीई किट पहनने को दी।

जिसके बाद प्रशासनिक अफसर और स्वास्थ्य विभाग की टीम की मौजूदगी में शव को सुपुर्द ए खाक की प्रक्रिया को पूरा किया गया। आपको बता दे कि मृतक के परिवार के दस लोग एसआरएमएस में क्वारंटीन है।

जिले में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई है। कोविड लेवल टू हॉस्पिटल में हजियापुर के कोरोना संक्रमित झोलाछाप की तड़के मौत हो गई थी। 25 अप्रैल को हजियापुर में 35 वर्षीय संक्रमित युवक की जांच कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट 27 अप्रैल को आई थी। जिसमें कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. रंजन गौतम के अनुसार संक्रमित युवक की मौत तड़के 3.22 बजे हो गई थी।

हजियापुर मुहल्ले की घनी आबादी में रहने वाले कोरोना संक्रमित झोलाछाप को परिजनों ने श्री राममूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज (एसआरएमएस) में 25 अप्रैल को भर्ती कराया था। संक्रमित युवक अवैध तरीके से स्टेडियम रोड पर क्लीनिक चलाता था। उसके पास टीबी का डाट सेंटर भी था। वह टीबी के मरीजों का इलाज करता था ।

परिजनों के अनुसार, वह चार साल से डायबिटीज से पीड़ित था। सांस लेने में तकलीफ होने पर शनिवार को 300 बेड हॉस्पिटल में जांच के लिए पहुंचा था। जहां पर डॉक्टरों ने उसे कोरोना का संदिग्ध मानते हुए सैंपल लिया था। इसके बाद उसे एसआरएमएस में भर्ती कराया गया था। रविवार को जांच रिपोर्ट में उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद उसकी पत्नी और दो साढ़ू को भी प्रशासन ने क्वारंटाइन कराया था।

कोरोना से बरेली में पहली मौत होने के बाद जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई। क्योंकि जिला प्रशासन को अभी तक युवक के संक्रमित होने का सोर्स पता नहीं चल सका है। परिजनों की ओर से सहयोग न मिलने के कारण प्रशासन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोर्स के पता नहीं चलने पर समुदाय में संक्रमण फैलने की आशंका को लेकर प्रशासन परेशान है।

जांच में कोराेना संक्रमित की पत्नी के सहयोग न करने पर तीन मोबाइल नंबरों से की गई कॉल की 150 पेज की कॉल डिटेल निकाली थी। जिसके आधार पर पुलिस उसके संपर्क में आने वाले लोगोंं का पता लगा रही है।