कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रहा है इजाफा, यूक्रेन संकट से और अधिक बढ़ सकती हैं कीमतें

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(www.arya-tv.com) कच्चे तेल की कीमतें मंगलवार को 99 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड 99.5 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंचा। कच्चे तेल का यह स्तर सितंबर 2014 के बाद अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। कीमतों में तेजी रूस यूक्रेन तनाव की वजह से देखने को मिली है, रूस के द्वारा यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई तेज करने और बदले में यूरोप और रूस के बीच कारोबारी रिश्ते बिगड़ने की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल रहा है, रॉयटर्स पर दी गई खबर के अनुसार विशेषज्ञ मान रहे हैं कि क्रूड कीमतें जल्दी ही 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच जायेगा। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से घरेलू बाजार में पेट्रोल औऱ डीजल की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है।

आज के कारोबार में फिलहाल ब्रेंट क्रूड की कीमतें 96.48 डॉलर प्रति बैरल से 99.5 डॉलर प्रति बैरल के बीच रही हैं। कारोबार के अधिकांश समय कीमतें 99 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहीं। एक महीने पहले ब्रेंट क्रूड की कीमत 86.3 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर थीं। आज की कीमतों के निचले स्तर पर भी ब्रेंट एक महीने में करीब 12 प्रतिशत बढ़ चुका है। वहीं डब्लूटीआई क्रूड 95.43 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया।

कच्चे तेल की कीमतों में ये बढ़त रूस यूक्रेन संकट की वजह से है। रूस ने यूक्रेन के दो हिस्सों को मान्यता दे दी है। जिससे बाद संभावना है कि यूरोपियन देश और अमेरिका रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकते हैं। इन कदमों से तेल की सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका बन गई है। हालांकि इटली पहले ही संकेत दे चुका है कि प्रतिबंधों में फ्यूल सप्लाई को शामिल नहीं किया जायेगा। हालांकि छोटी अवधि में सप्लाई में रुकावट की आशंका बन चुकी है। इसी वजह से कीमतों में तेजी देखने को मिली है।

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त से घरेलू तेल कंपनियों पर दबाव बढ़ गया है और मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कंपनियां खुदरा बिक्री पर नुकसान उठा रही हैं। देश में दिवाली के बाद से पेट्रोल और डीजल के दामों में बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। हालांकि एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि तेल कीमतों में उछाल की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़त का ज्यादा टाला नहीं जा सकता। पीटीआई की खबर के अनुसार उद्योग से जुड़े सूत्र मान रहा है कि देश में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। हालांकि बाद में कीमतों में बदलाव हो सकता है।