covid 19 उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीज़न में एनआईसी ई-ऑफिस:रेलटेल

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  • कोविड-19 के प्रकोप के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूदउत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीज़न में एनआईसी ई-ऑफिस:रेलटेल
  • इसके साथ उत्तर रेलवे के जोनल मुख्यालय और 4मंडलों (अम्बाला, लखनऊ,मोरादाबाद,दिल्ली) में कागज़रहित  संस्कृति चालू हुई

(www.arya-tv.com)कोविड-19 के प्रकोप के कारण राष्ट्रव्यापी तालाबंदी(लॉकडाउन) के बावजूद, रेलटेल ने उत्तर रेलवे (उ. रे) के लखनऊ डिवीजनमें एनआईसी ई-ऑफिस प्रदान करने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसके साथ उत्तर रेलवे क्षेत्रीय मुख्यालय और 4डिवीजन कार्यालय अब रेलटेल द्वारा लागू एनआईसी ई-ऑफिस सुईट के साथ मैनुअल फाइलों को छोड़कर पेपरलेस वर्क कल्चर को अपना रहे हैं। रेलटेल ने उत्तर रेलवे के इन5 संस्थापनाओं (क्षेत्रीय मुख्यालय + 4डिवीजन) में 7400 उपयोगकर्ता तैयार किये हैं और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए कार्यपालकों को प्रशिक्षित किया है। एनआईसी ई-ऑफिस उत्तर रेलवे के रेलवे अधिकारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दूरस्थ रूप से अपने सभी मैनुअल फ़ाइल कार्य को सँभालने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

रेलटेल ने मार्च, 2019 में, भारतीय रेलों के साथ चरण 1 के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे जिसमे मार्च, 2020 तक कार्य पूरा करने के आदेश थे । परन्तु रेलटेल ने समय से पहले कार्य पूरा कर लिया और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के 4 महीने में उत्तर रेलवे जोनल हेड क्वार्टर और अम्बाला मंडल का कार्य पूरा कर लिया। ई-ऑफिस के निष्पादन के चरण 2 के अंतर्गत लखनऊ , मोरादाबाद, दिल्ली मंडलों का कार्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के 3 महीनों के भीतर पूरा कर लिया गया।

एनआईसी ई-ऑफिस राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित एक क्लाउड सक्षम सॉफ्टवेयर है जिसे सिकंदराबाद और गुड़गांव में अपटाईम यूएसए द्वारा प्रमाणित रेलटेल के टियर III डेटा केंद्रों से तैनात / होस्ट किया जा रहा है । यह केंद्रीय सचिवालय मैनुअल के ई-ऑफिस प्रोसीजर ( CSMeOP ) पर आधारित है । एनआईसी ई-ऑफिस के कार्यान्वयन का उद्देश्य कागज रहित, अधिक कुशल, प्रभावी और पारदर्शी अंतर-सरकारी और अंत:-सरकारी लेनदेन और प्रक्रियाओं की शुरूआत करना है।

भारतीय रेलवे के लिए ई-ऑफिस कार्यान्वयन का उद्देश्य कार्यालय फ़ाइलों और दस्तावेजों को संभालने के लिए विश्वसनीय, कुशल और प्रभावी तरीका प्रदान करना है। उत्तर रेलवे के5 कार्यालयों ( मुख्यालय और 4 मंडलों ) में क्रियान्वयन के बाद 2602 से अधिक ई फ़ाइलों और 16098ई – प्राप्तियों को बनाया गया । इसमे पूर्ण पारदर्शिता है क्योंकि फ़ाइल पर लिखी गए किसी भी चीज़ को बदला या पूर्ववत नहीं किया जा सकता है। इसमें एक निगरानी तंत्र है जिससे पता लगाया जा सकता है कि फाइलें कहॉं रुकी हुई (हेल्ड-अप) हैं ।

रेलटेल टीम के लिए लॉकडाउन चरण के दौरान काम पूरा करना बड़ी चुनौती थी क्योंकि आवाजाही के संसाधनों पर प्रतिबंध था । रेलटेल की टीम लॉकडाउन के कारण मंडलकार्यालयों का दौरा नहीं कर सकती थी और कार्यान्वयन कार्य दूरस्थ रूप से किए जाने की आवश्यकता थी और इसके लिए बहुत समय लगता था। रेलटेल की टीम ने फोन और ईमेल पर रेलवे के अधिकारियों के साथ समन्वय से अधिकांश काम को दूरस्थ रूप से पूरा किया। कार्यान्वयन का महत्वपूर्ण हिस्सा इस प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षणदेनाहै। चूंकि रेलटेल के अधिकारियों और रेलवे उपयोगकर्ताओं की भौतिक उपस्थिति संभव नहीं थी, इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और कॉल सपोर्ट का उपयोग करते हुए संपूर्ण प्रशिक्षण भी दूरस्थ रूप से किया गया था। प्रशिक्षण वीडियो तैयार किए गए थे ताकि उपयोगकर्ता ई-ऑफिससे व्यवहारिक होने के लिए उन्हें बार-बार देख सकें। ई-ऑफिस इस तरह के संकट के समय में वरदान साबित हुआ है और रेलवे का कार्यबल अब घर से भी काम कर सकता है जो मैनुअल फाइलिंग सिस्टम के मामले में असंभव था।

रेलटेल ने अब तक संपूर्ण भारतीय रेलों (क्षेत्रीय मुख्यालयों, डिवीजनों, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, उत्पादन इकाइयाँ, कार्यशालाओं आदि) में 77556उपयोगकर्ता तैयार किये और मैनुअल वर्क मोड की जगह अब तक 1,33,033 फाइलें और 4,67,750 ई- रसीदों का सृजन किया है। रेलटेल ने रेलवे के अधिकारियों को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क कनेक्शन भी प्रदान किए हैं, ताकि वे फ़ाइल कार्यों को दूरस्थ रूप से प्रशस्तकरने में सक्षम हो सकें। ई-ऑफिस की उपलब्धता के कारण, रेलवे में अधिकांश फ़ाइल कार्य कार्यालयों में भौतिक उपस्थिति के बिना सुचारू रूप से जारी रह सकते हैं।

भारतीय रेलवे की संपूर्ण मैनुअल फाइलिंग प्रणाली को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करना एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, इससे बड़ी चुनौती कार्यबल को प्रशिक्षित करने की है ताकि वे सिस्टम को कुशलता से संभाल सकें। सबसे मुश्किल कार्य उपयोगकर्ताओं को मैनुअल फाइल सिस्टम का उपयोग करने की आदत छोड़ने और पेपरलेस वर्किंग की नई प्रणाली को अपनाने की है। हमारी टीम ने समय सीमा से पहले क्रियान्वयन को पूरा करने में सफलता प्राप्त की और को ई-ऑफिस रोल आउट करने के लिए तैयार करने और हैंडहोल्ड करने में भी कामयाब रही ।
फाइलों का व्यवस्थित और त्वरित निपटान, लंबित फाइलों की समय पर निगरानी एनआईसी ई-ऑफिस का अन्य तात्कालिक लाभ है । उपरोक्त लाभों के साथ, उत्तर रेलवे जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए कार्य संस्कृति को बदल देगा। ई-ऑफिस कागज-कम संस्कृति को बढ़ावा देता है जो न केवल परिचालन लागत को बचाएगा बल्कि कार्बन फुट प्रिंट को भी कम करेगा ।