ब्राजील में भी ओमिक्रॉन की दस्तक, साउथ अफ्रीका से लौटे 2 लोग संक्रमित

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(www.arya-tv.com)कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट ब्राजील में भी पहुंच गया है। ब्राजील में दो ओमिक्रॉन संक्रमितों की पहचान हुई है। ये दोनों दक्षिण अफ्रीका से यात्रा करके लौटे थे। साओ पाउलो राज्य के स्वास्थ्य सचिवालय ने बताया कि ओमिक्रॉन संक्रमित 41 वर्षीय पुरुष और 37 वर्षीय महिला को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। ये दोनों 23 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे। इनका कोरोना टेस्ट 25 नवंबर को हुआ, उस समय इनमें संक्रमण के हल्के लक्षण मिले थे।

संक्रमित साउथ अफ्रीका से नीदरलैंड्स आए थे
नीदरलैंड्स के हेल्थ अफसरों ने मंगलवार को एक चौंकाने वाली जानकारी दी। उन्होंने कहा- करीब 9 दिन पहले नीदरलैंड्स में दो लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। बाद में इनकी और जांच की गई तो इनमें ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया। इसका मतलब यह हुआ कि यूरोप में यह वैरिएंट एक हफ्ते पहले ही पहुंच गया था। दोनों ही संक्रमित साउथ अफ्रीका से नीदरलैंड्स आए थे।

एक बिलियन वैक्सीन डोनेट करने पर विचार कर रहा है चीन
चीन अफ्रीकी देशों को । यह खबर इसलिए अहम है क्योंकि अफ्रीकी देशों में कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे ज्यादा पाया जा रहा है और इसी महाद्वीप में वैक्सीनेशन की रफ्तार सबसे कम है। चीन पर कोरोना वायरस के मामले में तथ्य छिपाने का आरोप लगता रहा है। माना जा रहा है चीन इसी वजह से यह कदम उठा रहा है। हालांकि, अब तक चीन सरकार ने इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है।

मर्क की टैबलेट को कारगर पाया गया है
अमेरिका में मंगलवार को हेल्थ अफसरों की एक बड़ी मीटिंग हुई। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में जर्मन कंपनी मर्क की उस एंटी वायरल टैबलेट को मंजूरी देने पर विचार हुआ जिसे कोरोना के इलाज में अहम कामयाबी और विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। अब तक इस दवा को डेल्टा, मू और गामा वैरिएंट के खिलाफ कारगर पाया गया है। संभव है कि अमेरिका फाइजर की भी उस टैबलेट को मंजूरी देने पर विचार करे जो मर्क की टैबलेट की तरह ही कारगर मानी जा रही है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

महामारी के लिहाज से यह अच्छा संकेत नहीं
ड्रग निर्माता कंपनी मॉडर्ना के CEO स्टीफन बैंसेल ने मंगलवार को कहा कि कोविड की मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन के लिहाज से उतनी कारगर नहीं है, जितना यह डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ थी। बैंसल ने कहा- हमें जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। हमें और भी डेटा का इंतजार करने की जरूरत है। मैंने जितने भी साइंटिस्ट्स मे बात की है, उन्होंने कहा है कि महामारी के लिहाज से यह अच्छा संकेत नहीं है।