गोरखपुर में चार माह बाद मिला कोरोना संक्रमित, नवंबर में हुआ था कोरोना मुक्‍त

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गोरखपुर (www.arya-tv.com) गोरखपुर जिला अस्पताल के आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में चार माह बाद एक 30 वर्षीय युवक में कोविड संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके पूर्व जिला अस्पताल के ओपीडी में 11 जुलाई को एक मरीज कोविड पाजिटिव आया था।

सिद्धार्थ नगर निवासी युवक के नेपाल से लौटने पर खराब हुई तबीयत

संक्रमित युवक सिद्धार्थ नगर का रहने वाला है। वह नेपाल में हलवाई का काम करता है। स्वजन के अनुसार करीब 15 दिन पूर्व वह नेपाल गया था। उसे पहले से पेट की बीमारी है। वहां से लौटने के बाद उसे खून की उल्टी व दस्त होने लगा। उसे इलाज के लिए यहां जिला अस्पताल लाया गया। डाक्टरों ने स्थिति गंभीर देख भर्ती करने की सलाह दी, इसके पूर्व उसकी कोविड जांच कराई गई। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर उसे बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। लेकिन स्वजन उसे लेकर सिद्धार्थनगर चले गए। घर पर ही उसका इलाज हो रहा है।

छह नवंबर से कोरोना मुक्त है जिला

जिले में 21 अक्टूबर को अंतिम बार एक कोविड संक्रमित मिला था। इसके बाद किसी की रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई है। छह नवंबर को जिला कोरोना मुक्त हो गया। इस समय जिले में एक भी सक्रिय मरीज नहीं है। जबकि प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार नमूनों की जांच हो रही है।

मृत्यु दर 0.014

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि यह राहत की बात है कि जिले में कोविड के कारण होने वाली मृत्यु दर बहुत ही कम है। अब तक मिले 59434 कोविड मरीजों में से 848 लोगों की मौत हुई। 58586 मरीज स्वस्थ हो गए। कोविड से मृत्यु दर करीब 0.014 प्रतिशत है।

48 बूथों पर हो रही कोविड की जांच

कोविड जांच के लिए फोरेंसिक लैब व स्वास्थ्य केंद्रों पर 45 बूथ बनाए गए हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर दो व एयरपोर्ट पर एक बूथ बनाकर यात्रियों की जांच की जा रही है। प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार लोगों की जांच हो रही है।

31869 लोगों को लगाया गया कोरोना रोधी टीका

कोविड टीकाकरण अभियान में सोमवार को 289 बूथों पर 31869 लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाया गया। 6875 को पहली व 24994 लोगों को दूसरी डोज लगाई गई। बूथों पर बहुत कम संख्या में लोग पहुंचे। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एनके पांडेय ने लोगों से अपील की है कि जो लोग भी टीकाकरण से वंचित हैं, वे बूथों पर पहुंचकर टीका लगवा लें। अब तक 24.50 लाख लोगों को पहली और 12.26 लाख लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। पहली डोज से अभी लगभग 10 लाख लोग वंचित हैं।

बिना मास्क अब नहीं मिलेगा चिडिय़ाघर में प्रवेश

चिडिय़ाघर में अब बिना मास्क के लोगों को प्रवेश नहीं मिल सकेगा। कोरोना सतर्कता को ध्यान में रखते हुए चिडिय़ाघर प्रशासन ने इसे सख्ती से लागू कर दिया है। इतना ही नहीं चिडिय़ाघर के सभी कर्मचारियों का भी इसका पालन करना होगा। प्रभारी निदेशक चिडिय़ाघर सुजाय बनर्जी ने बताया कि मंगलवार से चिडिय़ाघर आने वाले दर्शकों के लिए मास्क पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया गया है।

बिना इसके लोगों को प्रवेश नहीं मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना के मामले सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन सतर्कता के तहत मंगलवार से मास्क को लेकर पूरी गंभीरता बरती जाएगी। पशु चिकित्सक डा. योगेश प्रताप स‍िंह ने बताया कि चिडिय़ाघर में तमाम लोग बाहर से आते हैं। दर्शकों के संपर्क में जू कीपर आ सकते हैं और जू कीपर निरंतर वन्यजीवों के संपर्क में रहते हैं। ऐसे में जानवर भी संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है।