केडीए वीसी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट:प्लॉट आवंटन मामले में उपभोक्ता फोरम ने दिए आदेश

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(www.arya-tv.com) प्लॉट पर आवंटन के मामले में केडीए वीसी अरविंद सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। 27 मई को वीसी को कोर्ट में पेश होना होगा। यह आदेश जिला उपभोक्ता आयोग ने स्वरूपनगर थाना पुलिस को एक मामले में दिया है। केडीए वीसी पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। 39 साल से परिवादी प्लाट पर कब्जा पाने की लड़ाई लड़ रहा है।

इस प्रकार है पूरा मामला
जूही कलां में जवाहर विद्या समिति को 19 जनवरी 1984 को 5138.67 वर्गमी का एक भूखंड आवंटित किया गया था। प्लाट पर कब्जा न मिलने पर जिला उपभोक्ता फोरम में की गई अपील पर 19 साल बाद आदेश दिया गया कि एक माह के भीतर रजिस्ट्री कराकर समिति को भूखंड का कब्जा दिया जाए। इसके बाद भी कब्जा न मिलने से जिला उपभोक्ता आयोग (पूर्व जिला उपभोक्ता फोरम) 15 जुलाई 2022 को 25 दिन में कब्जा दिलाने का आदेश दिया। केडीए ने राज्य उपभोक्ता आयोग फिर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में अपील की, लेकिन अपील खारिज हो गई।

केडीए की याचिका हो चुकी है खारिज
समिति के अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि इसके बाद केडीए ने वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की लेकिन यह भी खारिज हो गई। इसके बाद तत्कालीन केडीए उपाध्यक्ष आरके सिंह ने 11 जनवरी 2021 को समिति को एक पत्र भेजकर तत्काल रजिस्ट्री कराने को कहा था। केडीए ने समिति के प्रबंधक सुधीर प्रकाश शुक्ला के नाम रजिस्ट्री कर दी। एक माह में कब्जा लेने के लिए पत्र भी दे दिया गया लेकिन इसी बीच केडीए उपाध्यक्ष का ट्रांसफर हो गया।

केडीए ने कहा वैकल्पिक प्लॉट दे रहे
नए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने कार्यभार संभाला तो कब्जा फिर अटक गया। समिति ने उपभोक्ता आयोग में कब्जा दिलाने के लिए इजरा वाद दाखिल किया गया। आयोग ने 15 जुलाई 2022 को केडीए को आदेश दिया कि पुलिस की सहायता से 25 दिन में कब्जा दिलाया जाए। इस आदेश के खिलाफ केडीए ने फिर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी और वैकल्पिक प्लॉट देने की बात कही। हाईकोर्ट ने वैकल्पिक प्लॉट देने का आदेश कर दिया लेकिन वह भी अभी तक समिति को नहीं दिया गया।

22 मार्च 2023 को आयोग ने सुनवाई के दौरान केडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की बात कहते हुए नोटिस जारी किया था। आयोग में हाजिर होकर पक्ष रखने को कहा था लेकिन हाजिर नहीं हुए।

आदेश को बताया विधि के विरुद्ध
केडीए के विशेष कार्याधिकारी व विधि विभाग के प्रभारी सत शुक्ला का कहना है कि आवंटी जहां प्लॉट की मांग कर रहा है, वहां नगर निगम का सार्वजनिक पार्क है। उपभोक्ता आयोग में दाखिल बाद में आनंदी ने इस तथ्य को छिपाया है।

केडीए ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने आवंटी को दूसरी जगह वैकल्पिक प्लॉट देने का आदेश भी कर दिया है। 27 मई को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर वैकल्पिक प्लॉट आवंटी को देने को बात रखी जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद उपभोक्ता आयोग ने आदेश किया है, जो विधिविरुद्ध है।