(www.arya-tv.com) एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन गौतम अडाणी ने अपने 60वें जन्मदिन पर 60,000 करोड़ रुपए दान करने का ऐलान किया है। यह भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास में एक फाउंडेशन के लिए किए सबसे बड़े दान में से एक है। फंड का इस्तेमाल हेल्थ केयर, एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट के लिए होगा जिसे अडाणी फाउंडेशन मैनेज करेगा। इसकी चेयरपर्सन गौतम अडाणी की पत्नी प्रीति अडाणी हैं।
प्रीति अडाणी ने इस मौके पर गौतम अडाणी की एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा-‘करीब 36 साल पहले मैंने अपने करियर को साइड रखकर गौतम के साथ एक नई जर्नी शुरू की थी। आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो उनके लिए केवल गर्व और सम्मान महसूस होता है। उनके 60वें जन्मदिन पर मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और सभी सपनों के साकार होने की प्रार्थना करती हूं।’
गौतम अडाणी ने दान पर क्या कहा?
गौतम अडाणी ने कहा कि उनके पिता के 100वें और उनके 60वें जन्मदिन पर, अडाणी परिवार भारत में हेल्थ केयर, एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट के लिए 60,000 करोड़ रुपए दान दे रहा है। आने वाले महीनों में इन तीनों सेक्टर्स में फंड के एलोकेशन का फैसला करने के लिए तीन एक्सपर्ट कमेटियों को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें परिवार के सदस्य भी शामिल होंगे।
जुकरबर्ग और बफे की लिस्ट में शामिल अडाणी
गौतम अडाणी अब फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और इन्वेस्टर वॉरेन बफे जैसे ग्लोबल अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने सामाजिक काम के लिए अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान किया है। अडाणी का ये दान बिल गेट्स और मेलिंडा फ्रेंच गेट्स के 2021 में अपनी फाउंडेशन को दिए 1.17 लाख करोड़ रुपए के दान से लगभग आधा है।
अजीम प्रेमजी दान में सबसे आगे
भारतीय दानवीरों की बात करें तो विप्रो लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन अजीम प्रेमजी का नाम सबसे ऊपर आता है। एडलगिव हुरुन इंडिया फिलेन्थ्रॉपी लिस्ट 2021 के अनुसार अजीम प्रेमजी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 9,713 करोड़ रुपए का दान दिया। इस लिस्ट मे अडाणी 130 करोड़ रुपए के डोनेशन के साथ 8वें नंबर पर थे। उनके अलावा HCL के फाउंडर-चेयरमैन शिव नडार और रिलायंस के मुकेश अंबानी का भी लिस्ट में नाम है।
अब गौतम अडाणी से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट और उनका सफर…
डायमंड इंडस्ट्री में आजमाई किस्मत
24 जून 1962 को जन्में कॉलेज ड्रॉपआउट गौतम अडाणी गुजरात से हैं। उन्होंने अपने भाई के प्लास्टिक बिजनेस को चलाने में मदद करने के लिए गुजरात लौटने से पहले 1980 के दशक की शुरुआत में मुंबई की डायमेंड इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई थी। इसके बाद 1988 में एक छोटी एग्री ट्रेडिंग फर्म के साथ अडानी ग्रुप की शुरुआत की।
ये अब एक ऐसे ग्रुप में बदल गया है जो कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है। हाल ही में अडामी ग्रुप ने ग्रीन एनर्जी, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स और सीमेंट इंडस्ट्री में एंट्री की है। गौतम अडाणी ने अपने ग्रुप को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रड्यूसर बनाने के लिए 2030 तक कुल 70 अरब डॉलर का निवेश करने का कमिटमेंट किया है।
1996 में बनाई अडाणी फाउंडेशन
उनकी पत्नी प्रीति अडाणी के नेतृत्व में अडाणी फाउंडेशन की स्थापना 1996 में हुई थी। इसने भारत के ग्रामीण इलाकों में सोशल प्रोगाम्स पर काम किया है। अदाणी ग्रुप की वेबसाइट के अनुसार वर्तमान में फाउंडेशन देश के 18 राज्यों में सालाना 3.4 मिलियन लोगों के उत्थान में मदद कर रहा है। प्रीति अडानी पेशे से डॉक्टर हैं, जिन्होंने डेंटल सर्जरी (BDS) में ग्रेजुएशन किया है।