(www.arya-tv.com) संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) और जेट एयरवेज (Jet Airways) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कई दिनों तक बंद रहने के कारण उनका कोड छिन गया है। यानी ये दोनों एयरलाइन फिलहाल अपने दो अक्षर वाले डेजिगनेटर कोड (Designator code) का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने उनके कोड को ब्लॉक कर दिया है। इस कोड के लिए एयरलाइन को ऑपरेटिंग होना जरूरी है। लेकिन ये दोनों एयरलाइन उड़ान नहीं भर रही है। जेट एयरवेज तो कई साल से बंद पड़ी है जबकि गो फर्स्ट भी पिछले कुछ महीनों से उड़ान नहीं भर पा रही है।
आईएटीए ने गो फर्स्ट को G8 और जेट एयरवेज को 9W कोड दिया था।ATA एयरलाइंस को दो-लेटर डेजिगनेटर और न्यूमेरिक कोड देता है। संस्था ने गो फर्स्ट के कोड G8 को 12 महीने के लिए ब्लॉक कर दिया है। आईएटीए में कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के प्रमुख अल्बर्ट त्जोएंग ने एक बयान में कहा कि किसी कंपनी के लिए IATA दो-लेटर डेजिगनेटर के लिए पात्र होने की आवश्यकताओं में से एक यह है कि एयरलाइन को ऑपरेटिंग होना चाहिए। गो फर्स्ट ने मई 2023 की शुरुआत से कमर्शियल फ्लाइट्स बंद कर दी हैं, इसलिए यह IATA टू लेटर डेजिगनेटर-के लिए पात्र नहीं है।
क्या होगा असर
IATA वेबसाइट के अनुसार एयरलाइन कंपनियों को रिजर्वेशन, शेड्यूल, टाइमटेबल, दूरसंचार, टिकटिंग, कार्गो डॉक्युमेंटेशन, लीगल, टैरिफ या अन्य कमर्शियल/यातायात उद्देश्यों के लिए सिंगल पॉइंट रेफरेंस कोड Designator code दिया जाता है। गो फर्स्ट के दो-अक्षर वाले डेजिगनेटर और न्यूमेरिक कोड 12 महीनों के लिए ब्लॉक रहेंगे। शर्त पूरी होने पर गो फर्स्ट इसकी बहाली का अनुरोध कर सकती है। वित्तीय संकट और इंजन से जुड़ी समस्याओं के कारण गो फर्स्ट ने तीन मई को उड़ान बंद कर दी थी। कंपनी दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है।