(www.arya-tv.com) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी , भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 123वीं जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल नंदी, लखनऊ महानगर अध्यक्ष सदस्य विधान परिषद मुकेश शर्मा , महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक योगेश शुक्ला, अमरेश रावत, एमएलसी रामचंद्र प्रधान, सुभाष यदुवंश मुख्य रूप से उपस्थित रहे और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया।
मुख्यमंत्री योगी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को स्मरण करते हुए कहा कि देश के स्वाधीनता आंदोलन के अमर सेनानी थे। स्वतंत्र भारत में पहली सरकार में मंत्री के रूप में नेहरू सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर चल कर, जिन त्रासदियों से देश उबरने का प्रयास कर रहा था तब उन्ही संकंटों को जबरन देश पर लादने का प्रयास किया तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने खुद को कैबिनेट से अलग कर भारतीय जन संघ की स्थापना और उसके प्रथम अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दी। सरकार से उनके मद भेद कई बार देखे गए। डॉ. श्यामा प्रसाद द्वारा देश के लिए किए गए उनके योगदान को कभी भूला नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन भारत और भारतीयों के लिए समर्पित था। भारत की एकात्मता और अखंडता के लिए उनके द्वारा किए गए बलिदान को यह देश सदैव स्मरण करेगा। उन्होंने कहा कि वह भारत के उद्योग और खाद्य नीति के मार्गदर्शक थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार को आगे बढ़ाया जा रहा।
सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सरकार से मतभेद उस समय भी देखने को मिले था, जब तत्कालीन नेहरू सरकार ने भारत के संविधान में जबरन अनुच्छेद 370 जोड़कर देश की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया था। उसका श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जमकर विरोध किया था। उस समय उन्होंने नारा दिया था एक देश के दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे।
सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी महान देशभक्त, प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रख्यात शिक्षाविद थे। आजादी के आंदोलन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मात्र 35 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में शिक्षा क्षेत्र अनेक उल्लेखनीय कार्य किए।
आजादी के पूर्व बंगला में आई अकाल की त्रासदी के समय उन्होंने मानवता की सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया।भारत के प्रति डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सोच को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। 1952-1953 से चली आ रही त्रासदी अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2019 को समाप्त किया गया और जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। आज जम्मू और कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि भाजपा लखनऊ महानगर द्वारा पार्क रोड स्थित सिविल हॉस्पिटल में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में महानगर महामंत्री त्रिलोक सिंह अधिकारी, परविंदर सिंह,सुधीर हलवासिया,रजनीश गुप्ता, विपिन सोनकर सहित मंडल अध्यक्ष, पार्षद और बड़ी संख्या में कार्यकर्तागण भी उपस्थित रहे।