अफगानिस्‍तान के बगराम एयरबेस पर लगी हैं चीन की निगाहें, जानें क्या है मामला

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(www.arya-tv.com) अफगानिस्‍तान के बगराम एयरबेस पर चीन के सैनिकों की मौजूदगी को लेकर अफगानिस्‍तान की स्‍थानीय मीडिया में लगातार खबरें आ रही हैं। हालांकि तालिबान ने इन खबरों का खंडन किया है। तालिबान ने उन सभी मीडिया रिपोर्ट्स को गलत और बेबुनियाद बताया है जिनमें कहा जा रहा था कि इस बेस पर पीएलए के जवान मौजूद हैं।

तालिबान के कल्‍चर कमीशन के सदस्‍य उमर मंसूर ने बताया है कि अफगानिस्‍तान में अब चीन समेत कहीं भी, कोई विदेशी सैनिक मौजूद नहीं है। टोलो न्‍यूज के हवाले से एएनआई ने बताया है कि शनिवार रात को यहां के स्‍थानीय लोगों ने यहां से अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद पहली बार रोशनी देखी है। आपको बता दें कि 30 अगस्‍त को अमेरिका का अंतिम विमान अपने जवानों लेकर अफगानिस्‍तान से उड़ गया था। इसके बाद से ही बगराम एयरबेस पूरी तरह से खाली था। यहां तक की ये उसके बाद से ही अंधेरे में डूबा हुआ था।

हालांकि मंसूर का ये भी कहना है कि बगराम एयरबेस की लाइटें तालिबान के ही सदस्‍यों ने जलाई हैं, जिसकी वजह से अब ये एयरबेस एक बार फिर से दूधिया रोशनी में नहाया हुआ दिखाई दे रहा है। स्‍थानीय लोगों का यहां तक कहना है कि यहां पर उन्‍हें न केवल लाइट्स जली हुई दिखाई दी हैं बल्कि विमान भी खड़े हुए दिखाई दिए हैं।

यही वजह है कि यहां पर चीन की पीएलए की मौजूदगी को लेकर अटकलों का बाजार काफी गर्म है। रशिया टूडे ने भी कहा है कि इन अटकलों को लेकर लगातार चीन की तरफ अंगुली उठ रही है। हालांकि इन खबरों की अब तक कोई पुष्टि नहीं हो सकी है।

गौरतलब है कि चीन ने तालिबान की सरकार को अरबों डालर की मदद करने की बात कही है। तालिबान के अफगानिस्‍तान पर कब्‍जे से पहले और बाद में भी दोनों के बीच कई बार बैठकें हो चुकी हैं। हालांकि चीन का कहना है कि वो केवल मानवता के आधार पर अफगानिस्‍तान के लिए तालिबान की मदद कर रहा है।

लेकिन अधिकतर देश इस बात को मानते हैं कि चीन इसके लिए इस पूरे क्षेत्र में अपनी पकड़ को बनाने में लगा हुआ है। बगराम एयरपोर्ट भी इसकी ही एक कड़ी है। यदि स्‍थानीय मीडिया में आई खबरों में किसी तरह की कोई सच्‍चाई है तो ये भारत के लिए भी चिंता का विषय हो सकती है।