- केवल भौतिक सम्पदा अर्जित करना व्यक्ति को कभी संतुष्ट नहीं करता, व्यक्ति का आध्यात्मिक उन्नयन बहुत आवश्यक: मुख्यमंत्री
(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केवल भौतिक सम्पदा अर्जित करना व्यक्ति को कभी संतुष्ट नहीं करता। व्यक्ति का आध्यात्मिक उन्नयन बहुत आवश्यक है। आध्यात्मिकता का मतलब समाज का परित्याग करना नहीं होता, बल्कि समाज की परिस्थितियों के साथ जूझने की प्रेरणा प्रदान करती है। समाज के साथ सामंजस्य व समन्वय बनाकर चलना ही वास्तविक अध्यात्म है।
मुख्यमंत्री श्रीमद् देवी भागवत महापुराण की भाव पूर्ण व्याख्या सहित संगीतमय प्रस्तुति के विमोचन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। यह सस्वर प्रस्तुति मेधज एस्ट्रो के सी.एम.डी. डाॅ. समीर त्रिपाठी द्वारा दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि शब्द व नीयत शुद्ध हो, तो शब्द ब्रह्म का पर्याय होता है। शब्द अपने आपमें एक मंत्र है। भारतीय मनीषा ने शब्द को हमेशा महत्व दिया है और सदैव इस बात को माना है कि हर अक्षर व शब्द में मंत्र बनने की सामर्थ है। शब्द को किस प्रकार बोला जा रहा है और किस प्रकार व्यक्त किया जा रहा, यह वक्ता पर निर्भर करता है। इसलिए शब्द को ब्रह्म का रूप मानकर जब हम उसका अनुष्ठान करते हैं और अभिव्यक्त करते हैं, तो वह अपने आपमें मंत्र होता है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं विधान परिषद सदस्य डाॅ. महेन्द्र कुमार सिंह, ए.डी.जी. यू.पी. एस.टी.एफ. अमिताभ यश, निदेशक सूचना शिशिर, मेधज एस्ट्रो के सी.एम.डी. डाॅ. समीर त्रिपाठी व अन्य लोग उपस्थित थे।