अभिषेक राय
(www.arya-tv.com)
केंद्र सरकार अब भारत में बिजली की खपत को कम करने के लिए नया नियम लाने पर विचार कर रही है। इसके तहत देश में अब आगे बिकने वाले एयर कंडीशनर (एसी) में तापमान की सीमाएं तय की जा सकती हैं। ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि भारत में सभी तरह के एसी में न्यूनतम तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सकता है। वहीं, अधिकतम तापमान को 28 डिग्री सेल्सियस तक रखा जा सकता है। यह नियम घर के साथ-साथ दफ्तरों में लगने वाले एयर कंडीशनर के लिए भी तय हो सकते हैं।
एसी के तापमान पर नए नियमों को लाने की तैयारी में सरकार
दिल्ली में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि एयर कंडीशनिंग के मानकों के तहत जल्द ही नए नियम लागू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में एयर कंडीशनरों में 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 28 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को स्टैंटर्ड बनाया जाएगा। यानी हम एसी में तापमान को 20 डिग्री से ज्यादा ठंडा और 28 डिग्री से ज्यादा गर्म नहीं करेंगे।
केंद्र की नई गाइडलाइंस के बाद क्या होंगे बदलाव?
इससे देशभर में बिकने वाले एसी में तापमान की रेंज को 20 डिग्री से 28 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर दिया जाएगा। एसी में यह मानक रिहायशी और वाणिज्यिक दोनों तरह के क्षेत्रों के लिए लागू होगा। अगर सरकार इस प्रस्ताव को लागू कर देती है तो एसी निर्माता कंपनियों को ही अपने उत्पादों में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बदलाव के जरिए इस रेंज तक सीमित रखने के लिए कहा जा सकता है। यानी उपभोक्ता अगर चाहें तो भी वे एसी का तापमान 20 डिग्री से कम या 28 डिग्री से ज्यादा नहीं कर पाएंगे। फिलहाल देश में जो एयर कंडिशनर आ रहे हैं, उनमें तापमान की सेटिंग को 16 डिग्री या 18 डिग्री सेल्सियस तक कम किया जा सकता है। वहीं, इनमें अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
पंकज अग्रवाल के मुताबिक, एसी का तापमान न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने से भीषण गर्मी वाले सीजन में भी करीब तीन गीगावॉट तक ऊर्जा की बचत की जा सकेगी। बताया जाता है कि इसे एसी को ज्यादा क्षमता पर काम करने लायक बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही ऊर्जा ग्रिडों पर बोझ कम होगा। चूंकि भारत में बिजली बनाने में अभी भी कोयले का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है, इसलिए ऊर्जा उपभोग घटने से प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।
उपभोक्ताओं पर असर
भारत में बिजली से संचालित होने वाले उपकरणों में ऊर्जा मानकों को निर्धारित करने वाली संस्था ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के मुताबिक, एसी का तापमान हर एक डिग्री ज्यादा होने के साथ छह फीसदी तक ऊर्जा बच सकती है।अगर आप अपने घर पर एसी को 16 डिग्री सेल्सियस पर चलाते हैं और बाद में इसे 20 डिग्री सेल्सियस कर देते हैं तो आप ऊर्जा खर्च को 24 फीसदी तक कम कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले की एक स्टडी की मानें तो भारत में एसी के तापमान की रेंज सीमित स्तर पर तय करने से 2035 तक देश 60 गीगावॉट तक बिजली बचा सकती है। यानी भारत में इससे नए ऊर्जा संयंत्रों और ग्रिड सिस्टम के लिए संभावित 88 अरब डॉलर (करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये) के खर्च को बचाने में मदद मिलेगी।