बदल रही है शेयर बाजार की ब्रोकिंग इंडस्ट्री:डिस्काउंट, टेक्नोलॉजी को पसंद कर रहे हैं निवेशक

Business

(www.arya-tv.com)भारतीय शेयर बाजार की ब्रोकरेज इंडस्ट्री अब बदल रही है। यह पर्सेंटेज वाले बिजनेस से अब फ्लैट ब्रोकरेज और सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल पर जा रही है। पिछले एक साल में टॉप 2 ब्रोकरेज हाउसों का मार्केट शेयर 17% से बढ़कर 30% हो गया है। इसमें जिरोधा और अपस्टॉक्स हैं। दोनों फ्लैट ब्रोकरेज प्लान देते हैं।

2 गुना बढ़ा टर्नओवर
इंडस्ट्री के ओवरऑल मार्केट की बात करें तो रोजाना का टर्नओवर 2 गुना बढ़ा है। यह दिसंबर 2020 तक 14.4 लाख करोड़ रुपए से बढ़ कर 31.1 लाख करोड़ रुपए हो गया था। इसी तरह से ग्राहकों को जोड़ने की संख्या में सालाना आधार पर 67% की बढ़त हुई है। यह 1.63 करोड़ हो गया है। इसमें नए ग्राहकों में ज्यादातर ग्राहक दूसरे लेवल और उसके नीचे के शहरों के हैं।

कम ब्याज, म्यूचुअल फंड के खराब प्रदर्शन से इक्विटी में आ रहे हैं नए निवेशक
इसके बढ़ने के पीछे जो कारण हैं उसमें नए निवेशकों, म्यूचुअल फंड की स्कीम्स का खराब प्रदर्शन और फिक्स्ड इनकम असेट्स पर कम ब्याज है। डिस्काउंट देने वाले ब्रोकरेज लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। जबकि परंपरागत पुराने ब्रोकरेज हाउस अपनी हिस्सेदारी गंवा रहे हैं। हालांकि वे भी अब फिक्स्ड ब्रोकरेज प्लान शुरू कर चुके हैं। इसमें कोटक सिक्योरिटीज, एक्सिस सिक्योरिटीज ने कम ब्रोकरेज प्लान को पेश किया है। जबकि गैर बैंकिंग ब्रोकरेज हाउस जैसे एंजल ब्रोकिंग और शेयर खान ने भी ऐसा ही ऑफर किया है।

फीस आधारित मॉडल की ओर इंडस्ट्री
भारतीय ब्रोकिंग इंडस्ट्री अब फीस आधारित मॉडल की ओर जा रही है। एडवाइजरी सेवाओं के अलावा अब फंड आधारित गतिविधियां जैसे मार्जिन फंडिंग और शेयरों के एवज में लोन दिए जाने का काम चल रहा है। ब्रोकिंग इंडस्ट्री फिक्स्ड चार्ज की बजाय सेवाएं देने के एवज में पैसे लेने की ओर जा रही है। चूंकि फाइनेंशियल सेविंग बढ़ रही है और ब्याज दरें कम हैं, इसलिए इक्विटी एक असेट क्लास के रूप में लगातार निवेशकों की पसंदीदा बना हुआ है। ऐसे में डिस्काउंट देने वाले ब्रोकर लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते रहेंगे।

4 लिस्टेड ब्रोकरेज हाउस हैं
शेयर बाजार में लिस्टेड ब्रोकिंग हाउसों में मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल सिक्योरिटीज, जियोजीत और 5 पैसा है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इसमें से जियोजीत को छोड़कर सभी के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है। इसमें मोतीलाल ओसवाल का शुद्ध फायदा 1,099 करोड़ रुपए रहा है तो आईआईएफल का 195 करोड़ रुपए रहा है। जियोजीत का फायदा 118 करोड़ और 5 पैसा का फायदा 15 करोड़ रुपए रहा है।

टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग
नए ब्रोकरों के आने और टेक्नोलॉजी के उपयोग से ग्राहक भी आ रहे हैं। मोबाइल फोन के ट्रेडिंग ऐप ने इसे और आसान बना दिया है। BSE और NSE के आंकड़े बताते हैं कि दूसरे लेवल और उसके आगे के शहरों में शेयर बाजार का कारोबार जोर पकड़ रहा है। वित्त वर्ष 2018 में इन शहरों का टर्नओवर BSE में 30% हुआ करता था। 2020 में यह 40% हो गया है। NSE में यह इसी समय में 14 से बढ़ कर 17% हो गया है। नए ग्राहकों में 25 से 35 साल की उम्र जिनकी है, वो ज्यादा आ रहे हैं।

ज्यादातर ग्राहक छोटे शहरों से आ रहे हैं
आंकड़े बताते हैं कि अपस्टॉक्स के ग्राहकों में 80% ग्राहक, 5 पैसा के ग्राहकों में 88% और एंजल ब्रोकिंग के ग्राहकों में 50% ग्राहक छोटे शहरों से आते हैं। यही कारण है कि परंपरागत ब्रोकरेज हाउस इसी डिस्काउंट में आ रहे हैं। कोटक ने नवंबर में इंट्रा डे के कारोबार के लिए जीरो पैसा और अन्य एफएंडओ ट्रेड्स के लिए 20 रुपए प्रति ऑर्डर की प्लान लांच किया था।

शेयरखान ने तो ग्राहकों को ट्रेड में अगर कोई नुकसान होता है तो इसे फ्री कर दिया है। कोई चार्ज नहीं लेगा। बाकी के लिए इसने 20 रुपए प्रति ऑर्डर का ऑफर किया है। एंजल ने भी 20 रुपए प्रति ऑर्डर का ऑफर किया है।