सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग ने आर्द्रभूमियों का सर्वेक्षण किया : डॉ.आशुतोष कुमार वर्मा

Lucknow
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सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के वनस्पति विभाग के संयुक्त आचार्य डॉ. आशुतोष कुमार वर्मा एवं उनकी शोध टीम ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जनपद की प्रमुख आर्द्रभूमियों का सर्वेक्षण किया और पाया कि जिले की पांच से अधिक आद्रभूमियां है जो कि अंतरराष्ट्रीय महत्व की हो सकती है। प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला है कि ये आर्द्रभूमि आर्थिक, पारिस्थितिकी रूप से महत्वपूर्ण पौधों व जंतु प्रजातियां के संरक्षक के रूप में कार्य कर रही हैं।

सर्वेक्षण की गई आर्द्रभूमियों में भारत-नेपाल सीमा के पास मौजूद बजहा सागर और मझोली सागर आर्द्रभूमि के ‘रामसर साइट’ बनने की संभावना काफी प्रबल है। भौगोलिक स्थिति, जैव विविधता, प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति आदि इन दोनों स्थानों को उपरोक्त संबंध में अधिक आशावान बनाता है। वर्तमान में भारत में 85 रामसर साइट है, जिसमें से 10 उत्तर प्रदेश में स्थित है। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि सिद्धार्थ नगर की प्रमुख आर्द्रभूमियों का ‘रामसर मानकों’ पर वैज्ञानिक रूप से मूल्यांकन करने की तत्काल आवश्यकता है। यदि किसी आर्द्रभूमि को ‘रामसर साइट’ का दर्जा मिलता है तो यह जैव विविधता संरक्षण, पारिस्थितिकी पर्यटन के साथ साथ आकांक्षी जिला सिद्धार्थनगर को वैश्विक पटल पर नई पहचान दिलाने में सहायक होगा। इस संदर्भ में आवश्यकता पड़ने पर प्रशासन से भी संपर्क किया जाएगा ऐसा टीम के सदस्यों ने बताया।