‘रेत समाधि’ की उपन्यासकार-प्रकाशक के खिलाफ तहरीर

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(www.arya-tv.com) रेत समाधि के लिए अभी हाल ही में प्रतिष्ठित बुकर अवॉर्ड से नवाजी गईं गीतांजलि श्री के खिलाफ थाना सादाबाद हाथरस में 21 जुलाई को तहरीर दी है। साथ ही पुस्तक के प्रकाशक राजकमल प्रकाशन के खिलाफ भी केस दर्ज करने के लिए प्रयागराज के सोशल एक्टिविस्ट संदीप पाठक ने लिखा है।

आरोप है कि पुस्तक के पेज 222 पर उपन्यासकार में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। फिलहाल पुलिस ने तहरीर देने के पांच दिन बाद भी अभी तक रिपोर्ट नहीं लिखी है। इस पर संदीप ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी को ट्वीट कर रिपोर्ट लिखने और कार्रवाई करने की अपील की है।

जानिए क्या लिखा है तहरीर में?

संदीप ने अपनी तहरीर में लिखा है, “उपन्यास रेत समाधि में लिखित अत्यंत अश्लील और हिंदू धर्म के देवी-देवता भगवान शिव और देवी पार्वती के संबंध में अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। इससे हिंदू धर्मावलंबियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।”

तहरीर में संदीप पाठक ने लिखा है कि उपन्यास की उपरोक्त पंक्तियां अत्यंत अश्लील और घोर आपत्तिजनक हैं। इससे प्रार्थी सहित हिंदू समाज के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। लिहाजा रेत समाधि की लेखिका गीतांजलि श्री और राजकमल प्रकाशन के खिलाफ FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री और डीजीपी को किया ट्वीट
संदीप ने तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, यूपी के चीफ सेक्रेट्री, एसपी अलीगढ़ को ट्वीटकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

रेत समाधि को मिल चुका है बुकर पुरस्कार
भारतीय मूल की लेखिका गीतांजलि श्री के हिंदी उपन्यास ‘रेत समाधि’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। गीतांजलि श्री हिंदी भाषा के किसी उपन्यास के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार हासिल करने वाली पहली भारतीय लेखिका हैं। रेत समाधि का Tomb of sand नाम से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।

यह अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है। यह उपन्यास उत्तर भारत की पृष्ठभूमि पर आधारित है। 80 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की कहानी बयां करने वाले इस नोवेल में यह महिला पाकिस्तान जाती है। बुजुर्ग महिला विभाजन के वक्त की अपनी पीड़ाओं का हल तलाशने की कोशिश करती है। वह इस बात का मूल्यांकन करती है कि एक मां, बेटी, महिला और नारीवादी होने के क्या मायने हैं।