(www.arya-tv.com) भाजपा में जल्द ही संगठन स्तर पर बड़ा फेरबदल होने वाला है। नए साल में जनवरी के आखिरी या फरवरी के पहले हफ्ते में पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। हालांकि पार्टी के संविधान के मुताबिक इससे पहले 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन के चुनाव पूरे कराने हैं।
इसके अलावा 15 जनवरी तक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। संगठन चुनाव को लेकर रविवार को दिल्ली में पार्टी की बैठक हुई। बैठक के बाद लद्दाख भाजपा महासचिव पीटी कुंजांग ने बताया-
इसके अलावा, इस साल 25 दिसंबर को अटल जी की 100 जयंती के उपलक्ष्य में, बैठक में 25 दिसंबर 2025 तक पूरे साल सुशासन और संविधान पर्व मनाने का फैसला लिया गया है।
लोकसभा-विधानसभा चुनाव के चलते नड्डा का कार्यकाल बढ़ा
जेपी नड्डा को जून, 2019 में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष और जनवरी, 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है।
इस लिहाज से नड्डा का कार्यकाल 2023 में खत्म हो चुका है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था।
भाजपा के संविधान के मुताबिक कोई व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल तक लगातार अध्यक्ष रह सकता है।
नड्डा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाने के बाद उनके दोबारा अध्यक्ष बनने की संभावना खत्म हो चुकी है। इसकी वजह भाजपा का एक व्यक्ति-एक पद नियम है।
पद के लिए आयु सीमा तय, युवाओं को अहमियत
भाजपा अपने संगठन में युवाओं को महत्व देने के लिए पहले ही आयु सीमा तय कर चुकी है। इसके लिए जिलों के भीतर बनाए जाने वाले मंडल अध्यक्ष की उम्र 35 से 45 साल के बीच निर्धारित की गई है।
वहीं, जिलाध्यक्ष की उम्र 45 से 60 साल के बीच होगी। जिलाध्यक्ष के लिए संगठन में 7 से 8 साल तक काम करने का अनुभव भी जरूरी किया गया है। इनका चुनाव 15 जनवरी तक पूरा कराए जाने का लक्ष्य है।
लगातार दो बार मंडल अध्यक्ष या जिलाध्यक्ष रह चुके व्यक्ति को तीसरी बार मौका नहीं मिलेगा। साथ ही तय हुआ है कि संगठन के किसी पद पर काम कर रहे व्यक्ति को ही जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा।