मिशन 2024 के लिए भाजपा जाति गणना की काट के लिए ओबीसी नेताओं को मैदान में उतार सकती है

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(www.arya-tv.com) जाति गणना की काट में जल्द ही भाजपा के देश भर के ओबीसी नेता मैदान में उतरेंगे। ये नेता मोदी सरकार के कार्यकाल में ओबीसी से जुड़ी उपलब्धियां गिना कर विपक्ष पर निशाना साधेंगे। दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई में ढाई घंटे की मैराथन बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत कई राज्यों के ओबीसी नेता मौजूद थे।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आजादी के बाद की सभी सरकारों की तुलना में ओबीसी के हक में सर्वाधिक निर्णय लिए हैं। चाहे सरकारी नौकरियों में इस वर्ग के बैकलॉग को भरने का मामला हो, नीट में ओबीसी आरक्षण का या ओबीसी आयोग को सांविधानिक दर्जा देने का मामला।

इस वर्ग के हित में मोदी सरकार के बराबर किसी सरकार ने निर्णय नहीं लिए। उन्होंने कहा कि जरूरत इन उपलब्धियों को ओबीसी समाज तक पहुंचाने की है। मोदी सरकार से हर मोर्चे पर मात खाने के बाद विपक्ष की रणनीति इस मुद्दे के सहारे सियासी बढ़त हासिल करने की है। ऐसे में पार्टी को आक्रामक ढंग से देश को बताना होगा कि इस समाज के हित में किसने कितने काम किए हैं।

बैठक में मुख्य रूप से बिहार व यूपी के अलावा मराठा आरक्षण आंदोलन की आग में जल रहे महाराष्ट्र की चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि पार्टी के ओबीसी नेता अपने वर्ग के हित में मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्यों द्वारा किए गए कार्यों का व्यापक प्रचार प्रसार करें। पार्टी सूत्रों ने कहा कि जल्द ही इसके लिए एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। चूंकि जाति की राजनीति का सर्वाधिक प्रभाव बिहार और उत्तर प्रदेश में है, ऐसे में बैठक में मुख्य रूप से इन्हीं दो राज्यों की ताजा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई।

यूपी में जाट, गुर्जर, कुर्मी, यादव, मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा, निषाद, राजभर सहित पिछड़े वर्ग के अन्य समाज के सामाजिक सम्मेलन की योजना बनाई गई। साथ ही समाज के नेताओं को एजेंडा सौंपा गया। पिछड़े वर्ग के साथ अनुसूचित जाति और अगड़ी जातियों के लिए प्रदेश स्तर पर रणनीति तैयार करने पर मंथन हुआ। इसके लिए दूसरे दलों के प्रभावशाली नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के साथ छोटे-छोटे दलों को साथ लेने की योजना पर भी बात हुई।

बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी, यूपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, नितिन गडकरी, विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले समेत करीब तीन दर्जन नेता शामिल हुए।