- विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत
(www.arya-tv.com)साइबर क्रिमिनल हथकंडे अपनाकर दूसरों का धन हड़पने की साजिश में लगे रहते हैं। इसी संबंध में फेडरल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन आफ यूनाइटेड स्टेट्स ने एक परिपत्र जारी किया है। क्योंकि अमेरिका में और यूरोप के अन्य देशों में क्यूआर कोड के जरिए लोगों का धन हड़पने की कई घटनाएं हो चुकी है। हालांकि भारत में इस तरह की घटना अभी नहीं घटी है लेकिन घटना की संभावनाएं बहुत अधिक है क्योंकि भारत में क्यूआर कोड से पेमेंट करने वालों की संख्या करोड़ों में है।
आप यदि कर क्यू आ रकोड से पेमेंट करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान देना बेहद आवश्यक हो जाता है क्योंकि आजकल हर जगह क्यूआर कोड मौजूद रहता है। यहां तक भाजीवाले की दुकान पर भी और कुछ भिखारी भी क्यूआर कोड लेकर घूमते हैं कि आप उनको भीख आसानी से दे सके।
आधुनिकीकरण के इस दौर में क्यूआर कोड के विषय में बहुत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। पहली बात कहीं पर कर कोड स्कैन करने के पहले यह आप कंफर्म कर ले कि वह क्यूआर कोड बिल्कुल सही है। क्योंकि साइबर क्रिमिनल क्यूआर कोड के साथ कुछ मैल वेयर भी जोड़ देते हैं जो दिखते नहीं है लेकिन आपके मोबाइल में उतरकर आपकी सभी सूचनाओं को हैकर्स के पास पहुंचा देते हैं। जो आपके बैंक अकाउंट को खाली करने में सहयोगी होते हैं।
इसके अतिरिक्त हैकर्स क्यूआर कोड के अंतिम छोर को भी बदलकर किसी और के अकाउंट में पैसा डालने की क्षमता रखते हैं इसलिए सावधान रहने की बेहद आवश्यकता है फेसबुक अथवा व्हाट्सएप पर दिए गए क्यू आर कोड से आप सावधान रहे क्योंकि अब मोबाइल के द्वारा दिए गए क्यूआर कोड में मैल वेयर डालने की घटनाएं भी अमेरिका में घटित होने लगी है।
तीसरी बात कभी-कभी आप जब क्यूआर कोड स्कैन करते हैं तो आप किसी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं जहां से बहुत आसानी से मालवेयर आपके मोबाइल में पहुंच सकते हैं। ईमेल के द्वारा भी यह मैलवेयर आपकी सारी जानकारी चोरों तक पहुंचा सकते हैं। इसलिए किसी भी अज्ञात ईमेल को खोलने की कोशिश न करें जब तक में आप उसको जाने नहीं तब तक में आप उस ईमेल को न दबाएं बल्कि उसकी सीधे-सीधे डिलीट कर दे।
आने वाले समय में भारत में भी इस तरह की घटनाएं आरंभ हो जाएगी और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है अभी हाल ही में आधार के आईडेंटिफिकेशन नंबर भी वेबसाइट पर बिकते हुए दिखाई दिए हैं और जिनमें भारत के लगभग 82 करोड लोगों का आधार डाटा भी लीक हो चुका है।
अब प्रश्न यह उठता है की इंटरनेट के माध्यम से हम क्या सुरक्षित रख सकते हैं क्योंकि हम अधिकतर गूगल इस्तेमाल करते हैं अथवा व्हाट्सएप या फेसबुक इस्तेमाल करते हैं तो निश्चित रूप से हमारी जानकारी उन तक पहुंच जाती है।वहां से हैकर इसको चुराने का प्रयास करते रहते हैं यह निर्भर करता है की कौन सी वेबसाइट हैकर्स प्रूफ होती है।
जो भी हो इस समाचार के माध्यम से आपको सावधान किया जाता है कि आप अज्ञात जगह पर अनजान लोगों को दिए गए क्यूआर कोड को कभी इस्तेमाल न करें क्योंकि आप मुसीबत में पढ़ सकते हैं।