बीजेपी से बगावत नहीं करेंगे वरुण गांधी, टिकट कटने पर किया बड़ा ऐलान

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से सांसद और भाजपा नेता वरुण गांधी को इस बार टिकट नहीं मिला था। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। यह भी कहा जा रहा था कि वह सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन अब इसे लेकर स्थिति साफ हो गई है। वरुण ने इस बार चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। रिपोर्ट के अनुसार वह अपनी मां मेनका गांधी के लिए सुल्तानपुर में चुनाव प्रचार करेंगे लेकिन खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे।

गांधी परिवार का रहा है पीलीभीत में प्रभुत्व

बता दें कि यह सीट लंबे समय से गांधी परिवार से जुड़ी रही है। साल 1989 में मेनका गांधी ने पहली बार जनता दल के टिकट पर यहां जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1991 में भाजपा के परशुराम गंगवार यहां सांसद बने। लेकिन 1996 में फिर मेनका ने जनता दल से ही जीत हासिल की थी। 1998 और 1999 में वह निर्दलीय चुनाव लड़कर जीती थीं। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गई थीं। साल 2009 के चुनाव में मेनका ने वरुण के लिए यह सीट छोड़ दी थी। लेकिन इस बार भाजपा ने यहां का टिकट कांग्रेस से आए जितिन प्रसाद को दिया है।

पीलीभीत से किसने किसे बनाया प्रत्याशी?

पीलीभीत लोकसभा सीट के लिए भाजपा ब्राह्मण, सपा कुर्मी और बसपा मुसलमान प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतार रही है। गांधी परिवार के अलावा यहां से कुर्मी प्रत्याशी ने 7 बार जीत हासिल की है। भाजपा ने जहां जितिन प्रसाद को टिकट दिया है, तो सपा ने जातीय समीकरण को देखते हुए पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक भगवत सरन गंगवार को उतारा है। जितिन 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं, बसपा ने अनीस अहमद खान उर्फ फूल बाबू को उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट के लिए पहले चरण में यानी 19 अप्रैल को मतदान होगा।