राजस्थान में विधायक दल की बैठक में बीजेपी को बगावत का अंदेशा! तैयार कर लिया ‘प्लान B’

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(www.arya-tv.com) राजस्थान में विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीसरे मोर्चे के राजनैतिक दलों से किनारा कर लिया है। प्रदेश में भारत आदिवासी पार्टी के 3, बहुजन समाज पार्टी के 2 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 1 प्रत्याशी ने जीत दर्ज की।

हालांकि बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए किसी भी दल के विधायक से ना तो समर्थन मांगा और ना ही न्योता दिया है। हालांकि निर्दलीय विधायकों को बुलावा भेजा गया है। प्रदेश में 8 निर्दलीय विधायक चुनाव जीतकर आए हैं। ये 8 विधायक बीजेपी विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे,

लेकिन उन्हें जयपुर में रहने का आग्रह किया गया है। सभी निर्दलीय विधायक जयपुर के एक होटल में रुके हुए हैं। निर्दलीय विधायकों को बुलावे के पीछे बीजेपी का प्लान बी माना जा रहा है।

8 निर्दलीय विधायकों में से 6 बीजेपी पृष्ठभूमि के

पिछले चुनावों (2018) में निर्दलीय चुनाव जीतकर 13 विधायक सदन में पहुंचे थे, जबकि इस वर्ष (2023 में) निर्दलीय विधायकों की संख्या महज 8 ही है। इन आठ विधायकों में से 6 विधायक बीजेपी पृष्ठभूमि के हैं। पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिए जाने पर ये बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की।

बीजेपी पृष्ठभूमि के सभी 6 विधायक प्रियंका चौधरी (बाड़मेर), यूनुस खान (डीडवाना), रविंद्र सिंह भाटी (शिव), जीवाराम चौधरी (सांचौर), चंद्रभान सिंह आक्या (चित्तौड़गढ़) और डॉ. ऋतु बनावत (बयाना) को बीजेपी नेतृत्व अपने साथ रखेगी। कुछ विधायक तो दिल्ली पहुंचकर पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिल भी चुके हैं।

भीलवाड़ा से चुनाव जीतने वाले उद्योगपति अशोक कुमार कोठारी भी संघ से जुड़े हुए हैं। ऐसे में वे भी सरकार को समर्थन देंगे, जबकि हनुमानगढ़ से चुनाव जीतने वाले गणेशराज बंसल भी अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ रहेंगे। ऐसे में सभी निर्दलीय विधायक सरकार को बाहर से समर्थन देंगे।

तीसरे मोर्चे के महज 7 विधायक

इस बार के विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे के सिर्फ 7 प्रत्याशी ही चुनाव जीतने में सफल रहे। इनमें से 1 राष्ट्रीय लोकदल के सुभाष गर्ग हैं, जो कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रहे। शेष 6 विधायकों में नवगठित भारत आदिवासी पार्टी के 3 विधायक हैं,

जिनमें धरियावद से थावरचंद, आसपुर से उमेश मीणा और चौरासी से राजकुमार रोत शामिल हैं। बहुजन समाज पार्टी के केवल दो विधायक सादुलपुर से मनोज कुमार और बाड़ी से जसवंत सिंह गुर्जर चुनाव जीत सके।

वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से भी केवल पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल चुनाव जीतने में सफल हो सके। तीसरे मोर्चे के रूप में चुनाव जीतने वाले विधायकों का कहना है कि उनके पास समर्थन मांगने का कोई कॉल नहीं आया है।

चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (आप), जननायक जनता पार्टी (जेजेपी), आजाद समाज पार्टी और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) सहित कई दलों के प्रत्याशी मैदान में उतरे, लेकिन कोई भी पार्टी खाता नहीं खोल पाई।