कोरोना के बाद हर पल दुनिया के वैज्ञानिकों को यह चिंता रहती है कि कहीं किसी दूसरे वायरस से महामारी फिर से न फैल जाएं. कोरोना वायरस नया था और यह हर पल अपना रूप बदल लेता था. ऐसे कई वायरस पहले से मौजूद है जिनमें म्यूटेशन की क्षमता है और वैज्ञानिकों को इसी बात का डर है कि कहीं ये वायरस म्यूटेट कर इंसान के लिए मुश्किलें न पैदा कर दें. अगर ऐसा होता है तो यह दुनिया के लिए फिर से बहुत बड़ी त्रासदी साबित हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि अब भी हमें बहुत सारे वायरस के बारे में पता नहीं है. कई ऐसे वायरस हैं जो जानवरों में पाए जाते हैं. अगर इनमें से कुछ वायर म्यूटेट होकर खतरनाक बन जाए और यह इंसानों में फैल जाए तो यह पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी चिंता की बात होगी.
वायरस म्यूटेट होकर इंसान से इंसान में संक्रमित हो सकता है
डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि हालांकि कुछ वायरस जैसे कि इन्फ्लूएंजा वायरस पर हमारी बेहतर समझ है क्योंकि पिछले 50 साल से इसको लेकर बेहतर निगरानी तंत्र स्थापित हुआ है.इसके बावजूद कि यह तय नहीं है कि इससे आने वाले समय में खतरा नहीं है. अगर अमेरिका इसकी निगरानी प्रक्रिया से पीछे हटने का फैसला करता है तो यह प्रणाली आगे प्रभावित हो सकती है क्योंकि तब डेटा साझा करने में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से होने वाले जोखिम पैदा हो सकते हैं. क्योंकि कई अन्य प्रकार के वायरस पर नियमित निगरानी नहीं होती. हालांकि भारत में वन-हेल्थ मिशन इसकी कुछ उम्मीद है. लेकिन असली बात यह है कि हमें तैयार रहना होगा क्योंकि कब वायरस म्यूटेट हो जाएंगे यह कहा नहीं जा सकता है. जैसे कि आज ऐसा लग रहा है कि H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू से अभी इंसान को खतरा नहीं है क्योंकि यह इंसान को संक्रमित नहीं करता लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि कल ऐसा नहीं हो. हो सकता है कि यह म्यूटेट होकर इंसान को भी तेजी से संक्रमित करने लगे. अभी यह पक्षी से गाय तक और फिर मानव तक फैल रहा है लेकिन अभी भी मानव-से-मानव संचरण नहीं हुआ है. यदि मानव-से-मानव संचरण होता है तो दुनिया के लिए फिर एक मुसीबत सामने आ सकता है.