(www.arya-tv.com) एक ओर जहां देश भर के पशु डॉक्टर और वैज्ञानिक जानलेवा लंपी वायरस का तोड़ निकालने में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर IMS-BHU के डॉक्टर ने आज इस प्रकोप की रोकथाम के लिए यज्ञ-हवन किया। BHU के डॉक्टर ने संकल्प लिया, इसके साथ महामृत्युंजय, गायत्री मंत्र का जप और हवन किया। इसके बाद भंडारा भी आयोजित कराया। कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि जल्द से जल्द इस वायरस से गौ माता को मुक्ति मिले।
डॉ. सुनील कुमार IMS-BHU के कम्युनिटी मेडिसीन में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा, ”कोविड के बाद गायों में लंपी वायरस फैल रहा है। मैं मानता हूं कि रोग निवारण की दवा के साथ दैवीय कृपा की भी बड़ी जरूरत होती है। निरंजनी अखाड़ा में पांच ब्राह्मणों को साथ लेकर यह जप-तप किया गया है। निरंजनी अखाड़ा किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इनके अराध्य कार्तिकेय जी हैं। वह देव सेनापति और गौ-गौरी के साथ भी हैं। शिव के साथ भी गौवंश है। इसलिए मैंने उनसे कामना की है कि इस वायरस के रोगों से गौधन मुक्त हो। संत-महात्माओं के आशीर्वाद और मठ के मठाधीश समुंदरपुरी के सहयोग से यह कार्यक्रम सफल हुआ है। भंडारे में तमाम साधु-संतों ने प्रसाद ग्रहण किया।”
बन गई है लंपी से बचाव की वैक्सीन
लंपी वायरस एक मवेशी से दूसरे में फैलने वाली स्किन डिजीज है। गाय या भैंस की चमड़ी पर गांठें नजर आने लगतीं हैं। यह वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि राजस्थान, यूपी, बिहार और एमपी में रोजाना हजारों की संख्या में गाय मर रहीं हैं। वहीं, डेयरी विभाग की ओर से इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन इजाद कर ली गई है। कमजोर इम्यूनिटी वाली गायों को सबसे पहले यह वायरस प्रभावित करता है। भारत में लंपी वायरस सबसे पहले साल 2019 में रिपोर्ट किया गया था।
क्या हैं लंपी के लक्षण
- बुखार आना
- भूख नहीं लगना
- दूध कम देना
- वजन में कमी
- आंखों से पानी टपकना
- लार बहना
- चमड़ी पर दाने निकलना