बाबा साहब तेरा सपना अधूरा केजरीवाल करेगा पूरा

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(www.arya-tv.com) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 65 वीं पुण्यतिथि पर उनके जीवन और उनके संघर्षों को एक भव्य नाटक के जरिए देश के लोगो तक पहुंचाने की बड़ी घोषणा की। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहेब के जीवन और संघर्ष से देश के लोग प्रेरणा ले सकें। इसलिए उनके महान जीवन को एक भव्य संगीतमय नाटक के ज़रिए दर्शाया जाएगा। बाबा साहेब का सपना था कि देश के हर बच्चे को, गरीब और दलित बच्चों को भी अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले।

आज 75 वर्ष बाद भी उनको अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाई। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने क़सम खाई है कि बाबा साहेब का ये सपना हम पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 5 जनवरी 2022 से बाबा साहेब के जीवन पर आधारित भव्य नाटक शुरू होगा और इसके 50 शो कराए जाएंगे। भारत में शायद पहली कोई सरकार है, जो बाबा साहेब के जीवन को बच्चे-बच्चे तक पहुंचाने के लिए इस किस्म का प्रयास कर रही है।

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहां की बाबा साहब का सपना था, देश के हर बच्चे को, गरीब और दलित बच्चों को भी, अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले। आज 75 वर्ष बाद भी हम गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए। मैंने क़सम खाई है कि बाबा साहब का यह सपना हम पूरा करेंगे। बाबा तेरा सपना अधूरा, केजरीवाल करेगा पूरा। अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक महत्वपूर्ण घोषण करते हुए कहा कि आज बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की 65वीं पुण्यतिथि है।

मैं समझता हूं कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर भारत के सबसे बड़े सपूत थे। उन्होंने देश का संविधान बनाया। बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने दुनिया का सबसे बेहतरीन संविधान हमारे देश को दिया। बाबा साहेब पूरे जीवन दलितों और शोषितों के लिए लड़ते रहे, संघर्ष करते रहे। अगर मैं कहूं कि बाबा साहब शायद आज तक के भारत के सबसे अधिक पढ़े-लिखे नागरिक थे, तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।

मैं नहीं जानता कि कोई और भारतीय ने इतनी पढ़ाई की हो। बाबा साहेब ने 64 विषयों में मास्टर डिग्री हासिल की थी। एक मास्टर डिग्री लेने में नानी याद आ जाती है। एक एमए या एमएससी करने में नानी याद आ जाती है। उन्होंने एक अमेरिका से और एक इंग्लैंड से दो डॉक्टरेट डिग्री ली थी। वो इतने गरीब परिवार से आते थे कि उनके घर में खाने को नहीं होता था। जब वो इंग्लैंड में डिग्री कर रहे थे, तो बीच में उनका छात्रवृत्ति रूक गई और उनको डिग्री बीच में छोड़कर आना पड़ा। इसके बाद फिर वो यहां पर पैसों का जुगाड़ करके दोबारा डिग्री लेने गए थे। वो पढ़ाई को इतना तबज्जो देते थे।