(www.arya-tv.com) माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद रविवार देर शाम दफना दिया गया। इससे पहले दोनों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया। करीब 3 घंटे पोस्टमॉर्टम चला। पांच डॉक्टरों के पैनल में 3 डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक, अतीक को 9 गोली लगी थी। बाईं कनपटी में एक गोली, सीने, गर्दन और कमर में 9 गोलियां धंसी थीं। एक गोली कंधे को चीरते हुए निकल गई थी। वहीं, अशरफ की बॉडी से 5 गोलियां निकाली गईं। ये गोलियां अशरफ के गले, सीने और पेट में धंसी थीं।
कॉल्विन हॉस्पिटल में हुआ एक्स-रे
अतीक और अशरफ की हत्या कॉल्विन हॉस्पिटल के परिसर में ही 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे कैमरे के सामने हुई थी। मीडियाकर्मी बनकर आए तीन हमलावरों ने दोनों को गोलियों से भून डाला था। इसके बाद अतीक और अशरफ को कॉल्विन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। कॉल्विन में ही अतीक और अशरफ को एक्स-रे किया गया।
मामला हाई-प्रोफाइल, इसलिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सील बंद
CMO आशु पांडेय ने बताया कि मामला हाई-प्रोफाइल है। रिपोर्ट को सील बंद कर पुलिस कमिश्नर को सौंप दिया गया है। आगे रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
2:45 बजे शुरू हुआ पोस्टमॉर्टम 6 बजे तक चला
पोस्टमॉर्टम के दौरान 5 डॉक्टरों का पैनल था। वीडियो और फोटोग्राफी के बीच 3 डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम किया। इस दौरान डिप्टी CMO नवीन गिरी भी मौजूद थे। पोस्टमॉर्टम 16 अप्रैल की दोपहर 2:45 बजे शुरू हुआ जो शाम करीब 6 बजे तक चला।
हत्या का लाइव सीन, जानते हैं उस रात क्या हुआ….
15 अप्रैल की रात 10.35 बज रहे थे। प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल के बाहर दो जीप रुकी। जीप से पहले कुछ पुलिसकर्मी उतरे, उसके बाद अशरफ को उतारा गया। इसके बाद पुलिसकर्मी और अशरफ के सहारे से अतीक अहमद भी बाहर उतरा। अशरफ ने काली टी-शर्ट और पैंट पहन रखी थी, तो अतीक अहमद सफेद कुर्ते में था। दोनों के हाथ में हथकड़ी थी।
अगले 10 सेकेंड में अस्पताल की तरफ बढ़ते ही मीडिया से घिर गए। एक पत्रकार ने पूछा- आज जनाजे में आप लोग नहीं गए। उस बारे में कुछ कहना है? इस पर अतीक बोला- नहीं ले गए तो नहीं गए। इसके बाद अशरफ ने बोलना शुरू किया- मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…
तभी एक शख्स पीछे से आता है और तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल से अतीक की कनपटी पर फायर कर देता है। अगले एक सेकेंड से भी कम वक्त में दो और फायर होते हैं, जो अशरफ की पसलियों में धंस जाते हैं। अफरा-तफरी के बीच सभी मीडिया और पुलिसकर्मी पीछे हट जाते हैं।
इसके बाद तीन हमलावर अगले 16 सेकेंड में 18 राउंड फायर करते हैं और फिर हाथ उठाकर धार्मिक नारे लगाते हुए सरेंडर कर देते हैं।
जिगाना पिस्टल से 18 सेकेंड में 20 राउंड फायरिंग
18 सेकेंड में 20 राउंड गोलियां चलती हैं। माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ मारा जाता है। एक भी सेकेंड रुके बिना ये फायरिंग एके-47 से नहीं बल्कि एक ऑटोमैटिक पिस्टल से की गई थी। दरअसल, ये विदेशी पिस्टल थी, जिसे जिगाना कहते हैं।