(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए पहुंची पुलिस पर हुए हमले में एक सिपाही घायल हो गया है। दरअसल वारंटी अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस जिले के हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र के सब्दलपुर रहरा पहुंची थी। मामले में 3 महिलाओं सहित 12 नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं पुलिस एक आरोपी को पकड़ चुकी है।
हीमपुर दीपा थाने की पुलिस टीम दरोगा उपेंद्र सिंह और सुभाष तोमर के साथ मंगलवार की देर शाम लगभग 8:30 बजे थाना क्षेत्र के गांव रेहरा में अभियान के तहत वारंटी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए गई थी। जैसे ही पुलिस टीम हिस्ट्रीशीटर शमशाद उर्फ पतू के घर के सामने पहुंची तो वहां मौजूद हिस्ट्रीशीटर ने अपने परिवार की महिलाओं-पुरुषों एवं समर्थकों के साथ पुलिस टीम पर हमला बोल दिया हमले में हुए पथराव एवं मारपीट में मौजूद सिपाही विनीत तेवतिया घायल हो गए। इस बीच मौका देख कर हमलावर फरार हो गए लेकिन पुलिस ने भागते हुए घटना में जाहिद पुत्र हनीफ को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की गिरफ्त से भाग निकला हिस्ट्रीशीटर
पुलिस सूत्रों की माने तो टीम ने हिस्ट्रीशीटर को पकड़ भी लिया था लेकिन पथराव के वक्त मौका पाकर हिस्ट्रीशीटर भाग निकला। प्रभारी निरीक्षक रमेश चंद शर्मा ने बताया कि घायल विनीत सिपाही को डाक्टरी मुआयने के लिए भेजा गया है। मामले में हिस्ट्रीशीटर शमशाद उर्फ पतू उसकी पत्नी शबाना उर्फ शब्बो, दिलशाद टाटा, अनवर, सहाना पत्नी दिलशाद, इमराना पत्नी इमरान के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के अतिरिक्त 10 से 15 लोगों के विरुद्ध अज्ञात ने मामला दर्ज कर लिया गया है। थाना प्रभारी का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस गांव में पहले भी हो चुका है पुलिस पर हमला
रहरा गांव में थाना हीमपुर दीपा पुलिस पर हमले की यह दूसरी घटना है। इससे पूर्व कुछ वर्ष पहले तत्कालीन थानाध्यक्ष मुस्तकीम अली पुलिस टीम के साथ गोकशी की सूचना पर गांव में पहुंचे थे। इस दौरान गोकशी में शामिल लोगों ने पुलिस टीम पर अप्रत्याशित हमला कर दिया था। जिसमें एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया था। इतना ही नहीं लोगों ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया था। बाद में पीएसी बल के पहुंचने पर बंद पुलिस को छुड़ाया गया था। लेकिन पुलिस ने संगीन घटना होने के बाद भी मामले में सत्तासीन नेताओं के दबाव में आकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। जिसके बाद पुलिस की खूब फजीहत हुई थी।