कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक के तीसरे और अंतिम शाही स्नान पर कान्हा की नगरी में छाया उल्लास का माहौल

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आगरा (www.arya-tv.com) शनि अमावस्या पर्व पर कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक के तीसरे और अंतिम शाही स्नान पर कान्हा की नगरी में उल्लास का माहौल छाया रहा। राधारानी की जय जयकार से शहर अनुगुंजित हो उठा। यमुनातट पर सन्त महंतो के सान्निध्य में भक्तो ने भक्ति के सागर में गोते लगाये। नगर के मंदिरों में आस्था का ज्वार उमड़ता दिखाई दिया।

वृंदावन में कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक के तीसरे और अंतिम शाही स्नान पर आध्यात्म व संस्कृति का अदभुत संगम चहुंओर दिखाई दिया। सिर्फ राधे राधे के जयकारे गूंजे। मानो धार्मिक नगरी में आज आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।

देवरहा बाबा मार्ग से शुरू हुई शाही पेशवाई में सजे धजे ऊंट घोड़ों पर बैठे साधु, बग्गियों में विराजित महामण्डलेश्वर, पटेबाजी करते नागा साधु न केवल सनातनी परम्परा के विराट वैभव का प्रदर्शन कर रहे थे, बल्कि सन्तमहंतो के आध्यात्मिक स्वरूप का दर्शन भी करा रही थी। नगरवासी तो जैसे इस अद्वितीय पल का साक्षी बनने को बेताब थे।

कदम कदम पर ब्रजवासियों के स्वागत की अनवरत श्रंखला सन्तमहंतो को अभिभूत कर रही थी। सड़के फूलों की बरसात से पट गयी। लेकिन श्रद्धा से परिपूर्ण स्वागत अपने चरम पर था। हर कोई साधुओ को ब्रज संस्कृति की स्वागत परम्परा से रूबरू कराने को लालायित था। कुंभ मेला क्षेत्र के अलावा चाहे परिक्रमा मार्ग हो या देवालयों को जाने वाले मार्ग पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।