असदुद्दीन ओवैसी का बयान, धर्मनिरपेक्षता से मुसलमानों को ​कुछ नहीं मिला, बैचलर मत रहना, बैचलर बहुत परेशान कर रहे हैं

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(www.arya-tv.com) महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता से दूर रहने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार पर भी जमकर हमले किए। अपने कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कुंवारे लड़कों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 

ओवैसी ने युवाओं में जोश भरते हुए कहा कि शादी करेंगे ना, बैचलर (कुंवारा) मत रहना, बैचलर बहुत परेशान कर रहे हैं, घर में पत्नी रहे तो आदमी का दिमाग भी शांत रहता है। दरअसल, ओवैसी मुस्लिम युवाओं से यह पूछ रहे थे कि क्या वे अपने बच्चों को अनपढ़ और गरीब ही रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘जो युवा अभी 18-19 साल के हैं, जल्द ही उनकी शादी होगी, उनके बच्चे होंगे। इसके आगे ओवैसी ने युवाओं से पूछा, ‘शादी करोगे न? क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को उनके अधिकार न मिलें?’  

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष ने कहा, धर्मनिरपेक्षता से मुसलमानों को क्या मिला? हमें नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिला। निर्णय लेने में हमारी भागीदारी नहीं थी। कोई अधिकार नहीं था। यह कहते हुए कि धर्मनिरपेक्षता शब्द ने मुसलमानों को नुकसान पहुंचाया है। महाराष्ट्र में केवल 22 फीसदी मुसलमान प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश लेते हैं जबकि केवल 4.9 फीसदी मुसलमान स्नातक हैं। ओवैसी ने सवाल करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में 83 फीसदी मुसलमान भूमिहीन हैं। क्या कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का दिल सिर्फ मराठों के लिए धड़कता है? 

ओवैसी ने मुंबई में सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने का उल्लेख करते हुए, जिसे ओमिक्रॉन प्रकार के कोरोना वायरस के प्रसार की जांच के लिए लाया गया था, ओवैसी ने सवाल किया कि क्या इस महीने के अंत में राहुल गांधी के महाराष्ट्र की राजधानी के दौरे पर कर्फ्यू लागू रहेगा। उस समय ओमिक्रॉन नहीं बल्कि सत्ता की शक्ति होगी।