तत्काल ट्रेन टिकट बुकिंग की तरह होने लगे लर्निंग डीएल के आवेदन

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(www.arya-tv.com) ट्रेनों के तत्काल टिकट बुकिंग की तरह ही इस वक्त लर्निंग डीएल के आवेदन की प्रक्रिया भी चल रही है। आधी रात 12 बजे के बाद परिवहन विभाग की साइट खुलती है और 55 से 60 सेकेंड के भीतर आवेदन क्लोज हो जाते हैं। एक से डेढ़ मिनट बाद साइट बंद हो जाती है।

कोरोना काल में कानपुर जिले के लर्निंग डीएल आवेदन का कोटा प्रतिदिन के हिसाब से फिक्स कर दिया गया है। इसके तहत एक तिथि में लर्निंग डीएल के लिए कुल 60 लोग आवेदन कर सकते हैं। आलम यह है कि तत्काल रेल टिकट की तरह यहां भी आवेदन कर पाना मुश्किल हो जाता है। एक तो आधी रात तक इंतजार करो। फिर जब तक साइट खुलती है, तब तक कोटा फुल हो जाता है। ऑनलाइन आवेदन सामान्य व्यक्ति के बस की बात ही नहीं है।

एआरटीओ प्रशासन उदयवीर सिंह कहते हैं कि प्रक्रिया तो आवेदन की ऑनलाइन ही है। साथ में मुख्यालय ने कोटा भी तय कर दिया है। निर्धारित कोटा के हिसाब से आवेदन होते ही साइट बंद हो जाती है।

निजी आईडी से आवेदन संभव नहीं
डीएल के लिए आवेदन निजी आईडी से संभव नहीं हो पा रहा है। ज्यादातर आवेदन साइबर कैफे से ही हो रहे हैं। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि तत्काल रेल टिकट की तरह डीएल बनवाने वाला गिरोह भी सक्रिय हो गया है। समय होते ही वेबसाइट जैसे हैक कर ली जाती है। निजी आईडी से कोई व्यक्ति आवेदन नहीं कर सकता है। एआरटीओ भी मानते हैं कि इंटरनेट कैफे संचालक ही आवेदन कर पा रहे हैं। आवेदन होते ही आवेदक को टेस्ट की तिथि भी मिल जाती है। तिथि में स्थानीय स्तर पर कोई बदलाव हो सकता है।

तीन महीने बाद की मिलती तारीख
लर्निंग डीएल में किसी तरह आवेदन स्वीकार हो भी गया तो टेस्ट की तारीख 2 से 3 महीने बाद की मिलती है। इस चक्कर में महीने या सवा महीने की छुट्टी पर आने वाले फौजी युवकों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। आरटीओ संजय सिंह का कहना है कि ऑनलाइन प्रक्रिया में किसी की कोई सहायता भी संभव नहीं है।